रांची: प्रदेश की 17 विधानसभा सीटों के लिए तीसरे चरण में गुरुवार को होने वाले चुनाव में मुख्य मुद्दे मौलिक सुविधाएं, रोजगार और कृषि हैं. इन 17 विधानसभा सीटों में शहरी इलाकों में जहां मौलिक सुविधाएं को लेकर प्रत्याशी मतदाताओं से रूबरू हो रहे हैं. वहीं ग्रामीण इलाकों में रोजगार, कृषि सुविधाएं जैसे विषय लोगों की जुबान पर है.
जमीनी मुद्दे चुनाव में हावी
राजधानी की 5 विधानसभा सीटों पर नजर डालें तो जहां रांची विधानसभा सीट में नाली, सड़क और ड्रेनेज सिस्टम को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वहीं हटिया में स्वास्थ्य सुविधाओं लेकर लोग आवाज बुलंद कर रहे हैं. जबकि कांके में कृषि एक बड़ा मुद्दा है, वहीं हिंडाल्को के प्लांट को लेकर चर्चा में रहने वाला सिल्ली विधानसभा क्षेत्र लगभग दो दशक से राढ़ू जलाशय योजना को लेकर सुर्खियों में है. दरअसल सिल्ली में सिंचाई सुविधाओं का घोर अभाव है और पिछले दो दशक से वहां के स्थानीय राढ़ू जलाशय परियोजना को एक आशा की किरण के रूप में देख रहे हैं. हालांकि जलाशय को लेकर को लेकर अभी तक काम चल ही रहा है.
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रोजगार और पलायन भी है गंभीर मुद्दा
वही रांची से सटे रामगढ़, हजारीबाग और बोकारो जिले में मुद्दे थोड़े अलग हो जाते हैं. हजारीबाग में स्थानीय मुद्दा हावी है, जिसमें सड़क पर लगने वाले जाम और मूलभूत सुविधाएं शामिल है. इसके साथ ही रोजगार नहीं मिलने के कारण पलायन वहां एक गंभीर मुद्दा है. हालांकि हजारीबाग में उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय है बावजूद इसके नौकरी के लिए युवाओं का पलायन उस इलाके में प्रमुख मुद्दा माना जा रहा है. वहीं रामगढ़ जिले की में बंद उद्योगों को खोलने को लेकर लोग राह तक रहे हैं. इलाके की सीमेंट और आयरन फैक्ट्री यहां के लोगों के लिए रोजगार का एक प्रमुख साधन हुआ करते थे. वहीं मांडू, बरही और कोडरमा यह ऐसे इलाके हैं जो नेशनल हाईवे (एनएच) से बिल्कुल सटे हुए हैं. इस वजह से वहां प्रदूषण और बाईपास सड़क इन सब मुद्दों को लेकर प्रत्याशी लोगों के बीच जा रहे हैं. हालांकि कोडरमा कभी अपने अभ्रक की चमक को लेकर जाना जाता था लेकिन बीते वर्षों में इसको लेकर अपनी पहचान होता जा रहा है.