रांची: देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है. इस कड़ी में रांची रेल मंडल की ओर से पहली बार ग्रीन कॉरिडोर ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए बनाया गया, जो बोकारो से टोरी तक लगभग 50 टन मेडिकल ऑक्सीजन लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो चुकी है. रांची रेल मंडल के परिचालन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही.
रांची रेलवे डिवीजन में पहली बार बना ग्रीन कॉरिडोर, परिचालन विभाग की अहम भूमिका
उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए 3 खाली ऑक्सीजन टैंकरों के साथ एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन बोकारो स्टील सिटी पहुंची थी, जिसे रवाना कर दिया गया है. ट्रेन को डीजल लोको शेड बोकारो ले जाया गया था.
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ऑक्सीजन की इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रेलवे ने ऑक्सीजन की त्वरित परिवहन और सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें चलाना शुरू कर दिया है. लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का परिवहन रेलवे के फ्लैट रैक पर रखे गए सड़क के टैंकरों के साथ रोल ऑन रोल ऑफ (आरओ आरओ) सेवा के जरिए किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 3 खाली ऑक्सीजन टैंकरों के साथ एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन बोकारो स्टील सिटी पहुंची थी, जिसे रवाना कर दिया गया है. ट्रेन को डीजल लोको शेड बोकारो ले जाया गया था.
बोकारो स्टील प्लांट में कुल 46.34 टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की लोडिंग के बाद 3 टैंकरों को ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन के रैक में फिर से लोड किया गया था, जो सर्वोच्च प्राथमिकता पर लखनऊ के रास्ते में शुक्रवार दोपहर बोकारो स्टेशन से रवाना हो चुकी है.
रांची रेल मंडल को ग्रीन कॉरिडोर तब्दील करने में मंडल के परिचालन विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. तमाम कर्मचारी और अधिकारी इस काम को पूरा करने को लेकर बेहतर व्यवस्था के साथ इस ट्रेन को इस कॉरिडोर से होते हुए रवाना किया.