रांची: रिम्स के कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग में चल रहे विवाद मामले में राज्यपाल ने संज्ञान लिया है(Governor took cognizance of dispute of RIMS). उन्होंने समस्या के तत्काल समाधान की बात कही है. जिससे कि इलाज कराने आ रहे मरीजों को कोई परेशानी ना हो. बता दें कि विभाग में डॉक्टरों के बीच चल रहे विवाद की वजह से कई दिनों से ऑपरेशन नहीं हुए हैं. जिससे मरीजों काफी परेशान हैं.
रिम्स सीटीवीएस विभाग के विवाद पर राज्यपाल ने लिया संज्ञान, कहा- जल्द करें समस्या का समाधान - governor ramesh bais
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स का कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग(RIMS CTVS department) विवाद की वजह से चर्चा में है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. रिम्स मामले में राज्यपाल ने गंभीर चिंता व्यक्त की है और जल्द ही इसे दूर करने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल के प्रधान सचिव ने पत्र के माध्यम पूछा कारणः मामले पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स निदेशक को पत्राचार किया है. पत्र में कहा गया है कि ऑपरेशन बाधित होने के कारण मरीजों को अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. तत्काल मामले को लेकर चिकित्सकों से विचार विमर्श करते हुए समस्या का समाधान करें.
ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना करने की कही बात:पत्र में लिखा गया है किभविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो इसका ध्यान रखा जाए. इसके साथ ही इस मामले में भी कार्रवाई करें. कार्रवाई के बाद राज्यपाल सचिवालय को भी अवगत कराएं ताकि राज्यपाल को सूचित किया जा सके.
क्या है विवादः रिम्स का कार्डियो थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग इन दिनों डिपार्टमेंट के चिकित्सकों के कारण चर्चा में हैं. दरअसल विभाग के एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने अपने ही विभाग के डॉ अंशुल कुमार और डॉ राकेश कुमार पर मरीजों से पैसा लेकर ऑपरेशन का आरोप लगाते हुए स्थानीय बरियातू थाने में शिकायत की थी. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. मामले को लेकर जांच कमेटी का गठन करते हुए अपर निदेशक प्रशासन चंदन कुमार ने दोनों ही चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा था. चिकित्सकों के इस विवाद के कारण हार्ट से संबंधित मरीजों के ऑपरेशन लंबे समय से बाधित पड़े हुए हैं. जिस वजह से रिम्स में ऑपरेशन के लिए मरीजों को अस्पताल में धरना प्रदर्शन भी करना पड़ा था.