झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

राज्य के 3 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को राज्यपाल का निर्देश, अगले आदेश तक पद पर बने रहेंगे - सिद्धो-कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय

राज्य के तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अतिरिक्त दो महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. बता दें कि एसएन सिंह और शुक्ला मोहंती का कुलपति के रूप में कार्यकाल 7 मई 2020 को समाप्त हो रहा था. जबकि सिद्धो-कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के कुलपति का कार्यकाल 8 मई को समाप्त हो रहा था. इसी के मद्देनजर राज्यपाल ने यह निर्णय लिया है.

Governor Draupadi Murmu, Nilambar-Pitambar University, Siddho-Kanho Murmu University, राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय, सिद्धो-कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

By

Published : May 6, 2020, 7:34 PM IST

रांची: राजभवन की ओर से राज्य के तीन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को अतिरिक्त दो महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. बता दें कि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के आलावे कुल 3 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का कार्यकाल 7 मई 2020 को समाप्त हो रहा था. लॉकडाउन के मद्देनजर फिलहाल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें अगले आदेश तक के लिए अपने पद पर नियमित रूप से कार्य करने का निर्देश दिया है.

फिलहाल पद पर बने रहने का आदेश
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कोरोना वायरस से वैश्विक स्तर पर वर्त्तमान में उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर पलामू स्थित नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति एसएन सिंह, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के कुलपति डॉ. शुक्ला मोहंती और सिद्धो-कान्हो विश्वविद्यालय, दुमका के कुलपति डॉ. मनोरंजन सिन्हा को अगले दो माह और अगले आदेश तक के लिए विश्वविद्यालय में नियमित कुलपति की नियुक्ति होने तक पद पर बने रहने का आदेश जारी किया है.

ये भी पढ़ें-SPECIAL: सफाईकर्मियों पर मंडरा रहा कातिल कोरोना का काला साया

राज्यपाल का निर्णय

बता दें कि एसएन सिंह और शुक्ला मोहंती का कुलपति के रूप में कार्यकाल 7 मई 2020 को समाप्त हो रहा था. जबकि सिद्धो-कान्हो मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के कुलपति का कार्यकाल 8 मई को समाप्त हो रहा था. इसी के मद्देनजर राज्यपाल ने यह निर्णय लिया है.

ये भी पढ़ें-रिम्स से कोरोना संदिग्ध फरार, हॉटस्पॉट हिंदपीढ़ी इलाके की रहने वाली है महिला

हो सकती थी परेशानी
कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉकडाउन की वजह से तमाम शिक्षण संस्थाएं फिलहाल बंद हैं और विश्वविद्यालयों में भी ऑनलाइन क्लासेस ही संचालित हो रही हैं. ऐसे में इस बीच कुलपतियों का बिना नियुक्ति किए इन कुलपतियों का कार्यकाल समाप्त कर देने से विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था .

ABOUT THE AUTHOR

...view details