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JPSC की कार्यशैली से राज्यपाल असंतुष्ट, अध्यक्ष और सदस्यों से नाराज

जेपीएससी की कार्यशैली से राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू असंतुष्ट हैं. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल रही है और जेपीएससी के सदस्य अपने आप को प्रोन्नति देने के लिए उतारू हैं.

governor draupadi murmu dissatisfied with the functioning of jpsc in ranchi
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

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Published : Feb 12, 2021, 11:12 AM IST

रांची:जेपीएससी का सदस्य रहते हुए प्रोन्नति के लिए इंटरव्यू आयोजित करने के मामले में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. ए.के चट्टोराज और डॉ. टी.एन साहू को फटकार लगाई है. इस दौरान राज्यपाल ने जेपीएससी के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी पर भी नाराजगी जाहिर की है.


क्या है मामला

रांची विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. ए.के. चट्टोराज और डॉ. टी.एन साहू जेपीएससी के भी सदस्य हैं. इसके बावजूद प्रोफेसर प्रोन्नति के लिए उन्होंने जेपीएससी की ओर से आयोजित साक्षात्कार में हिस्सा लिया था और यह मामला काफी तूल पकड़ा था. मामले को लेकर राजभवन में शिकायत की गई थी कि कैसे कोई जेपीएससी के सदस्य के पद पर कार्य करते हुए किसी अन्य पद में प्रोन्नति के लिए जेपीएससी में आयोजित साक्षात्कार में हिस्सा ले सकता है.

राज्यपाल ने जताई नाराजगी

राज्यपाल ने इस पूरे मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल रही है और जेपीएससी के सदस्य अपने आप को प्रोन्नति देने के लिए उतारू हैं. जेपीएससी के अध्यक्ष पर भी राज्यपाल ने नाराजगी व्यक्त की है और उनसे कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को आखिर कब तक प्रोन्नति मिलेगी. इसको जेपीएससी जल्द से जल्द स्पष्ट करे. उन्होंने कहा कि नियम के तहत समय पर जल्द से जल्द तमाम प्रोन्नति और लंबित कार्यों को जेपीएससी निष्पादन करें नहीं तो दोषियों पर कार्रवाई भी होगी. जानकारी यह भी मिल रही है कि इन दोनों सदस्यों की प्रोन्नति प्रक्रिया को रद्द किया जा सकता है.

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शिक्षा परियोजना परिषद ने लिया निर्णय

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने एक निर्णय के तहत कहा कि राज्य के सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की कॉपी के लिए अब विद्यालय प्रबंधन समिति को कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी. एक जांच के तहत पाया गया कि विभिन्न सरकारी स्कूलों में कॉपी-किताब वितरण में गड़बड़ी है. कहीं कॉपियां मिली है तो कहीं विद्यार्थी तक कॉपी पहुंची ही नहीं है. स्कूली कीट जांच के निर्देश के तहत यह मामला सामने आया है. एक कॉपी के लिए कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को 20 रुपये तक विद्यालय समिति को भेजी जाती है. इसी के मद्देनजर विद्यालय प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया है कि जेल में कॉपियां छपाई जाएगी और इस मामले को लेकर परियोजना परिषद ने जेल में प्रिंटिंग की क्षमता की पूरी जानकारी भी मांगी है.

बुक बैंक योजना बंद करने का निर्णय
स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने यह भी निर्णय लिया कि रघुवर सरकार से संचालित बुक बैंक योजना को खत्म किया जाएगा. इस के तहत बच्चों को निशुल्क किताब देने के नाम पर पुरानी किताबें मुहैया कराई जा रही थी. विद्यार्थियों की मनोदशा को देखते हुए इस निर्णय को विभाग ने वापस लेने का निर्णय लिया है. इस योजना को उस समय के शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने सही नहीं बताया था. इसके बावजूद वर्तमान स्कूली शिक्षा सचिव अनुराधा पटनायक ने इस योजना को आगे बढ़ाया था. हालांकि अब यह योजना हेमंत सरकार की ओर से पूरी तरह बंद की जा रही है. इस योजना को खत्म करने का निर्णय लिया गया है.

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