रांची: राज्य की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि जल, जंगल और जमीन झारखंड की मूल पहचान है. उन्होंने कहा कि जंगलों में रहने वाले आदिवासी और मूलवासी लोगों को संपूर्ण अधिकार दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को और मजबूत करते हुए उनके हितों के लिए बनाए गए सीएनटी और एसपीटी एक्ट को सख्ती से बहाल रखा जाएगा. इसके साथ ही मौजूदा सरकार भारतीय वन कानून और वनाधिकार कानून को भी आदिवासी हित का ध्यान में रखते हुए अनुपालन कराएगी.
आदिवासियों की रक्षा पर राज्यपाल का भाषण पंचम झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में अपने अभिभाषण के दौरान उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार, किसानों को सहायता, महिला सशक्तिकरण, आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों और सुरक्षा का बच्चों की रक्षा राज्य सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है.
मजदूरों और किसानों का रखा जाएगा ध्यान
अपने अभिभाषण के दौरान उन्होंने कहा कि खेतिहर मजदूर राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार इनके चेहरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है. उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मुख्य फसल के साथ सब्जियों के उत्पादन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें कृषि संयंत्र उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता रहेगी.
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भरी जाएंगी रिक्तियां
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि युवाओं की भागीदारी के लिए सरकार प्रत्यक्ष रोजगार देने की व्यवस्था करेगी. उन्होंने कहा इसके लिए राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न विभागों और विभिन्न जिलों, अनुमंडल प्रखंड और पंचायत स्तर पर लंबे समय से चली आ रही रिक्तियों को फेज वाइज भरना सरकार की प्राथमिकता है.
द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि विद्यालयों में समस्त सुविधाओं के साथ कंप्यूटर शिक्षण शुरू किया जाएगा और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान की भी सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही मौजूदा सरकार ऐतिहासिक, धार्मिक, अप्राकृतिक महत्व के स्थानों को प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार अपने कर्मियों, शिक्षकों, अनुबंध कर्मियों और आंगनबाड़ी कर्मियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखेगी. इसके साथ ही राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक जवाब देह , पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार बिना किसी पूर्वाग्रह और द्वेष की भावना के पिछली सरकारों के अच्छे कार्यों को आगे भी ले जाएगी.
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गवर्नर के जाने के बाद स्पीकर ने पढ़ा शोक प्रस्ताव
नवनियुक्त स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने शोक प्रस्ताव पढ़ा. उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रभारी वित्तमंत्री के रूप में वर्ष 2019-20 के लिए द्वितीय 4210.080 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पेश किया. बता दें कि राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और सरकार द्वारा पेश किए गए द्वितीय अनुपूरक बजट पर बुधवार को सामान्य वाद विवाद होगा.