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धूमधाम से की जा रही है भगवान विश्वकर्मा की पूजा, राज्यपाल और सीएम हेमंत सोरेन ने दी शुभकामनाएं

हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. आज भगवान विश्वकर्मा जयंती पर आज देशभर में उनकी पूजा की जा रही है. झारखंड में भी धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है है.

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Published : Sep 17, 2021, 1:22 PM IST

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राज्यपाल और सीएम हेमंत सोरेन ने दी शुभकामनाएं

रांचीः आज देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जा रही है. भगवान विश्वकर्मा सृजन के देवता भी हैं. राज्य में धूमधाम से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा रही है. राज्यपाल रमेश बैस और सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दी हैं.

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राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य की जनता को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दी हैं. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी राज्य की जनता को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दी हैं. ट्विटर पर उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि सभी देश और राज्यवासियों को विश्वकर्मा पूजा की अनेक-अनेक शुभकामनाएं और जोहार. बता दें कि झारखंड उद्योग प्रधान राज्य है. यहां छोटे से लेकर बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान हैं. इसलिए यहां काफी भक्ति भाव से भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है.

हिंदू धार्मिक मान्यताओं और ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना जाता है. उन्हें देवताओं के शिल्पी के रूप में भी जाना जाता है. आज भगवान विश्वकर्मा जयंती पर आज देशभर में उनकी पूजा की जा रही. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विश्वकर्मा पूजा का त्योहार मनाया जाता है. बताया जाता है कि इस दिन ही ऋषि विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. जयंती पर इंजीनियरिंग संस्थानों के अलावा फैक्ट्रियों, कल-कारखानों में औजारों की पूजा की जाती है.

विश्वकर्मा पूजा विधि
आज के दिन ऑफिस, फैक्ट्री, वर्कशॉप, दुकान आदि के मालिक सुबह स्नान आदि करके भगवान की विश्वकर्मा की प्रतिमा व मशीनों के अलावा औजारों की पूजा की जाती है. पूजा शुरू करने से पहले पूजा स्थल पूजा चौकी पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित करें. तत्पश्चात कलश को हल्दी और चावल के साथ रक्षासूत्र चढ़ाएं, इसके बाद पूजा मंत्र 'ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:', 'ॐ अनन्तम नम:', 'पृथिव्यै नम:' का जाप करना चाहिए. इसके अलावा अब जिन चीजों की पूजा करनी है, उनपर हल्दी अक्षत और रोली लगाएं. अब भगवान विश्वकर्मा को अक्षत, फूल, चंदन, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, फल आदि अर्पित करें. धूप दीप से आरती करें.

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