रांचीः प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. हालांकि इस बाबत राज्य सरकार ने एक निर्देश निकाला है जिसके तहत अब झारखंड में आने वाले हर व्यक्ति को 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन काटना होगा. यह निर्देश 20 जुलाई से फॉलो किया जाएगा. राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेश में फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण की प्रमुख वजह पड़ोसी राज्यों से लोगों का आना जाना है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों का यकीन करें तो कोरोना संक्रमण के जांच के दौरान हुई कांटेक्ट ट्रेसिंग की रिपोर्ट यही बता रही है कि ज्यादातर लोग आस पड़ोस के राज्य से होकर लौटे हैं. इसके अलावा वैसे लोगों के संपर्क में आए हैं जो आस-पड़ोस के राज्यों से संक्रमण लेकर लौटे हैं.
जीवन के साथ जीविका के पक्ष में झारखंड सरकार, पूर्ण लॉकडाउन नहीं करने की है यह वजह - News of lockdown in Jharkhand
झारखंड में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. हालांकि इस बाबत राज्य सरकार ने एक निर्देश निकाला है जिसके तहत अब झारखंड में आने वाले हर व्यक्ति को 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन रहना जरूरी है.
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सरकार नहीं चाहती खजाने पर जले लाल बत्ती इतना ही नहीं वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत से ही कोरोना ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया. इसका सीधा असर राज्य सरकार के खजाने पर हुआ. एक तरफ जहां रेवेन्यू कलेक्शन प्रभावित हुआ. वहीं दूसरी तरफ सरकार की आमदनी में कटौती हुई है. ऐसे में राज्य सरकार आर्थिक गतिविधियों पर अब लगाम लगाने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि पूर्ण योगदान की बजाय राज्य सरकार नियमों में सख्ती करना ज्यादा पसंद कर रही है. ये हैं कोरोना संक्रमण के आंकड़े हालांकि सरकारी आंकड़ों पर देखें तो झारखंड में संक्रमण पड़ोसी बिहार की तुलना में काफी कम है. शुक्रवार की देर रात तक जारी हुए आंकड़ों के अनुसार झारखंड में 5100 से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं. वहीं उनमें आधे ऐसे हैं जो ठीक होकर घर वापस चले गए हैं.