रांची:सड़क हादसे में घायल (Injured In Road Accident) होने वाले व्यक्तियों के लिए गोल्डन आवर (Golden Hour) बेहद महत्वपूर्ण होता है, अगर गोल्डन आवर में उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है. खासकर अगर ऐसे मौकों पर सीपीआर (CPR) मिल जाए तो जान बचने की संभावनाएं काफी अधिक होती हैं.
सड़क हादसे में घायलों के लिए गोल्डन आवर अहम, CPR देकर बचाई जा सकती है जान - Jharkhand news
सड़क हादसे में घायलों (Injured In Road Accident) के लिए गोल्डन आवर (Golden Hour) बेहद अहम होता है. इस दौरान अगर सही इलाज मिले तो ज्यादातर लोगों की जान बचाई जा सकती है. इन्हीं में से एक है CPR जिससे किसी की जान बचाई जा सकती है.
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सीपीआर (CPR) का प्रयोग हृदयाघात या हृदयगति रुकने के शिकार व्यक्ति की थमी श्वास क्रिया, रुके हुए हृदय और उसके शरीर में रक्तसंचार थमने से रोकने के लिए किया जाता है. ट्रैफिक जागरूकता (Traffic Awareness) के लिए जाने जानी वाली संस्था राइज अप ने राजधानी में कुछ असपतालो के सहयोग से युवाओं के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रेसुस्सिएशन) एवं फर्स्ट एड ट्रेनिंग का आयोजन किया. इसमे यह बताया गया कि कैसे अचानक हृदयगति रुकने, दम घुटने, दौरा पड़ने, बेहोशी, शॉक लगने पर अगर तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दी जाए तो हम ऐसे लोगों की जान बचा सकते हैं. घायलों के लिए गोल्डन आवर काफी अहम होता है.
पहले घंटे बेहद महत्वपूर्ण:राइज अप के ऋषभ आनंद ने बताया कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के लिए पहला एक घंटा गोल्डन आवर होता है. अगर दुर्घटना में घायल व्यक्ति को एक घंटे में चिकित्सा सहायता मिल जाती है तो उसके जीवन को बचाया जा सकता है. उन्होंने सभी से घायल व्यक्ति को तुरंत मदद करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को यातायात के नियमों का पालन करना चाहिए. युवाओं के लिए स्पीड एक ट्रैप है इससे बचने की कोशिश करना चाहिए, साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए. सड़क हादसों से कैसे बचें इसपर वीडियो और प्रेजेंटेशन के माध्यम से ब्लाइंड स्पॉट, डच रिच थियोरी की जानकारी दी साथ ही 'good Samaritan' के बारे में बताया.