झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

'लाल गलियारे' की लड़कियां करना चाहती हैं देश की सेवा, इनकी कड़ी ट्रेनिंग देख आप भी रह जाएंगे दंग

रोहतास की बेटियां (Girls of Rohtas) इन दिनों नक्सल इलाके की दहलीज पार कर देश सेवा करना चाहती हैं. यही कारण है कि बेटियां सुबह-सुबह मैदान में पसीना बहाती दिख रही हैं. कड़ी ट्रेनिंग ले रही ये बेटियां पुलिस और सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Girls Working Hard For Selection In Police
Girls Working Hard For Selection In Police

By

Published : Apr 15, 2022, 9:35 PM IST

रोहतास:बिहार के रोहतास जिले की लड़कियां नक्सल इलाके की दहलीज लांघकर इन दिनों कमाल कर रही हैं. इनके जज्बे और जोश देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं. यहां की लड़कियां पुलिस सेवा में भर्ती होने के लिए लगातार मैदान में पसीना बहा रही है. जब अहले सुबह सभी सो रहे होते हैं, तो ये लड़किया 8 से 10 किलोमीटर प्रतिदिन दौड़ लगाती हैं. साथ ही कड़ी ट्रेनिंग भी लेती हैं ताकि, एनडीए और बिहार पुलिस में भर्ती होकर देश सेवा (Girls Working Hard For Selection In Police) कर सकें.

मैदान में पसीना बहा रही बेटियां: दअरसल, डेहरी के इंद्रपुरी में इन दिनों लड़कियों की टोली देश सेवा के लिए कुछ कर गुजरना चाहती हैं. मैदान में पसीना बहा रही ये बेटियां पुलिस सेवा और सेना में शामिल होना चाहती हैं. यही कारण है कि लड़कियां अहले सुबह से ही मैदान में कई तरह के अभ्यास में जुट जाती हैं. लौंग जंप, हाई जंप के अलावे कठिन से कठिन वर्जिश और कसरत कर अपने को मजबूत बना रही हैं. अब इंद्रपुरी इलाके में दूरदराज से बेटियां पहुंचकर यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर राज्य और देश के अलग-अलग भर्ती परीक्षा में अपनी जगह बना रही हैं.

देखें वीडियो

देश की सेवा करने का जुनून: बताते चलें कि रोहतास जिले का ये इलाका जो कभी नक्सल इफेक्टिव था. जहां लड़कियों को घर से निकलना मुश्किल था. ऐसे में रोहतास, नौहट्टा, चुटिया, दारा नगर, बुधवा, तुंबा जैसे इलाके से लड़कियां यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं और लगातार विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अपनी जगह बना रही हैं. दूर दराज से भी बच्चियां यहां आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं. तस्वीरों में दिख रही इन मजबूत बेटियों में आगे बढ़ने का जोश, जुनून और जज्बा है. इनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है.

दूर-दराज के इलाके से आकर बेटियां यहां लेती है ट्रेनिंग: नक्सल प्रभावित नौहट्टा के दारानगर से तकरीबन 90 किलोमीटर की दूरी तय गुनगुन गुप्ता आती है. वह कहती है कि पहले यहां की बेटियां घरों से निकल नहीं पाती थी, लेकिन यहां आने के बाद आत्मविश्वास बढ़ा है. वहीं औरंगाबाद की निशी बताती हैं कि वह नेशनल डिफेंस में जाना चाहती हैं. डिफेंस लाइन का जॉब बहुत ही अच्छा लगता है. पटना, गया जहां सिखाया जाता है वहां काफी खर्च है, पर इस अकेडमी में निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है. वे अपना मकसद पूरा करना चाहती हैं.

सेवा निवृत सैनिक फ्री में दे रहे ट्रेनिंग: बिहार एसआई की तैयारी कर रही प्रियंका सिंह कहती हैं कि कड़ी ट्रेनिंग की वजह से न सिर्फ शारिरिक तौर पर मजबूत हो रही हैं, बल्कि मानसिक तौर पर भी मजबूत हो रही हैं. वहीं छोटे से शहर में इस तरह के एकेडमी चलाना बहुत बड़ी बात है. खासकर जिन बच्चे बच्चियों के परिवार को फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझना पड़ता है. वह अपने बच्चों को ट्रेनिंग के लिए कहीं भेज नहीं पाते हैं. उनके लिए ये ट्रेनिंग एकेडमी काफी लाभदायक है.

ट्रेनिंग प्राप्त कर बेटियां कर रही देश सेवा: बहरहाल इस इलाके में लड़कियों को घर से निकल कर कुछ नया करना एक समय में बहुत मुश्किल था. लेकिन अब समाज की बेड़ियां तोड़ती यह बेटियां अपने लिए और अपने देश के लिए कुछ करना चाहती हैं. इन्हें प्रशिक्षण देने वाले सेना के सेवानिवृत जवान अक्षय कुमार कहते हैं कि यहां ट्रेनिंग पूरी तरह से नि:शुल्क है. उनके अकैडमी में बिहार, झारखंड, यूपी से लड़के-लड़कियां प्रशिक्षण लेने के लिए आते हैं. उन्होंने बताया कि लड़कियों को उनके क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण देकर काबिल बनाया जाता है. जानकारी के मुताबिक बीते दिनों इस ग्रुप से 30 लड़के-लड़कियों का चयन हुआ है, जो विभिन्न पुलिस सेवा में गये हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details