रांचीः सोमवार को नामांकन के अंतिम दिन मांडर विधानसभा उपचुनाव को लेकर गहमागहमी जारी रही. निर्वाचन कार्यालय में बीजेपी प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर सहित कई प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. बीजेपी प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर के साथ प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के अलावे आजसू प्रमुख सुदेश महतो मौजूद थे. इस दौरान एनडीए की एकजुटता दिखी. एनडीए नेताओं ने विक्ट्री साइन दिखाकर मांडर विधानसभा उपचुनाव में जीत का दावा किया है.
मांडर विधानसभा उपचुनाव: नामांकन के अंतिम दिन बीजेपी प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर ने भरा पर्चा
मांडर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन का सोमवार को अंतिम दिन था. नामांकन के अंतिम दिन बीजेपी प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर सहित कई अन्य प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है.
23 जून को होनेवाले मांडर विधानसभा उपचुनाव के लिए नामांकन सोमवार को समाप्त हो गया. चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने के लिए भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर, कांग्रेस से शिल्पी नेहा तिर्की सहित आधा दर्जन प्रत्याशियों ने नामांकन किया है. नामांकन के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर ने पर्चा भरा. इस मौके पर एनडीए की एकजुटता दिखी. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे.
दीपक प्रकाश ने गंगोत्री कुजूर की जीत का दावा करते हुए कहा कि इस चुनाव में भ्रष्टाचार और हाई कोर्ट का हालिया फैसला भी मुद्दा रहेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की नाकामी को जनता के बीच ले जायेंगे. बंधु तिर्की की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में जनता से झूठा वादा करके चुनाव जीत गये. लेकिन इस चुनाव में ऐसा नहीं होगा. आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि राज्य सरकार की विफलता का बदला मांडर की जनता जरूर लेगी.
मांडर विधानसभा सीट राजनीतिक दृष्टि से काफी अहम रहा है. इस सीट पर कांग्रेस का लंबे समय तक वर्चस्व रहा है. हालांकि, बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होती रही है. कहने के लिए तो यह एक उपचुनाव है. लेकिन यह सत्तापक्ष और विपक्ष के लिए प्रतिष्ठा की सीट है, जिसे हर हाल में सियासी दल पाने को बेताब हैं. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में थी. लेकिन इस सीट से जेवीएम प्रत्याशी के रुप में खड़े बंधु तिर्की चुनाव जीते थे. वर्तमान समय में बंधु तिर्की कांग्रेस में हैं और आय से अधिक संपत्ति मामले में न्यायादेश पर यह सीट गंवा चूके हैं.
बंधु तिर्की की सदस्यता रद्द होने के बाद हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बंधु तिर्की ने अपनी बेटी शिल्पी नेहा तिर्की को चुनाव मैदान में उतारा है. 2019 के विधानसभा चुनाव में बंधु तिर्की ने भारतीय जनता पार्टी के देव कुमार धान को 23127 वोटों के मार्जिन से हराया था. बंधु तिर्की को 93 हजार 491 वोट मिले थे. वहीं देव कुमार धान को 69364 वोट. वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गंगोत्री कुजूर ने एआईटीसी के बंधु तिर्की को हरायी थी.