रांचीःमोरहाबादी इलाके में गैंगवार के बाद ठेले खोमचे और दुकानदारों को प्रशासन द्वारा हटाया जा रहा है. इसके विरोध में दुकानदार प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच मंगलवार को मोरहाबादी मैदान के पास प्रदर्शन कर रहे दुकानदारों से मुलाकात करने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपर बाजार के व्यवसायियों से भी मुलाकात की.
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गौरतलब है कि राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान के पास जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास के पास बीते दिनों गैंगवार हुई थी. इसकी गाज मोरहाबादी इलाके में दुकान लगाने वालों पर गिर रही थी. जिला प्रशासन, रांची नगर निगम ने दुकानदारों को वहां से हटने का नोटिस दिया था. दुकानदार भी इसके विरोध में उतर आए थे. दुकानदार लगातार मोरहाबादी के समीप धरना प्रदर्शन कर रहे थे. साथ ही राज्य सरकार से उन्हें न हटाने की गुहार भी लगा रहे थे. वहीं अपर बाजार की कई दुकानों को सील करने का नोटिस भी जारी किया गया था. इस नोटिस के विरोध में अप्पर बाजार में धरना प्रदर्शन का दौर जारी था.
अपर बाजार में व्यवसायियों से मुलाकात करने स्थानीय विधायक सीपी सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेत्री महुआ मांझी ,समेत कई लोग पहुंचे और व्यवसायियों के समर्थन में सड़क पर उतरे. इसी बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी अप्पर बाजार में व्यवसायियों से मुलाकात करने पहुंचे और उनकी मांग का समर्थन किया. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मोरहाबादी इलाके में आंदोलित ठेले खोमचे वालों और दुकानदारों से भी मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों पर जुल्म ढा रही है. भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी.
आपराधिक घटनाओं को लगाम लगाने का काम प्रशासन काः इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने का काम प्रशासन का है. इसके लिए स्थानीय दुकानदार जिम्मेदार नहीं है. सरकार और प्रशासन अगर सजग रहे तो आपराधिक घटना न हो, लेकिन यहां करे कोई और भरे कोई का मुहावरा चरितार्थ हो रहा है.
रघुवर दास ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान है. अगर राजभवन की दीवाल पर उग्रवादियों ने पोस्टर चिपकाया था तो उस वक्त क्या राज्यपाल को राजभवन से हटा दिया गया था. अगर शहर में कहीं कोई अपराधी आपराधिक घटना को अंजाम देता है तो क्या पूरे शहर को बंद कर देना चाहिए. यह सरकार का बेतुका निर्णय है और दुकानदारों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा .