रांची: कोरोना वायरस की वजह से देश भर में चल रहे लॉकडाउन के बीच झारखंड में भी फल और सब्जी के कारोबारियों का हाल बेहद बुरा हो चला है. तकरीबन 20 दिनों से फल और सब्जी बाजार से रौनक पूरी तरह से गायब है. जिन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी होती थी, खरीददारी के लिए उन्हें काफी समय इंतजार करना पड़ता था. अब उन्हीं दुकानों पर दुकानदार घंटों तक ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके रोकथाम को लेकर लगातार बढ़ती जागरूकता के बीच ईटीवी भारत की टीम ने रांची के फल और सब्जी मंडी का जायजा लिया.
सबसे बड़ी मंडी बंद
राजधानी रांची की सबसे बड़ी फल मंडी डेली मार्केट मंडी है. यह मंडी थोक फल और सब्जी दोनों के लिए जानी जाती है. लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह बंद है. एक सप्ताह पहले तक डेली मार्केट फल और सब्जी मंडी दोनों ही सुचारू रूप से चल रहे थे. सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए लॉकडाउन में भी थोड़ी बहुत बिक्री यहां लगातार जारी थी. लेकिन इसी बीच डेली मार्केट मंडी के ठीक पीछे वाले इलाके यानी हिंदपीढ़ी में कोरोना वायरस ने अपना पांव पसार लिया. देखते ही देखते सात पॉजिटिव मरीज सामने आ गए. नतीजा फल मंडी को भी पुलिस ने सील कर दिया. इसके बाद बारी आई हरमू फल मंडी की. हरमू फल मंडी के अधिकांश कारोबारी हिंदपीढ़ी इलाके में ही रहते हैं और जैसे ही कोरोना का खतरा बढ़ा, हिंदपीढ़ी को पूरी तरह से सील कर दिया गया और फल कारोबारी अपने घरों में ही कैद हो गए.
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करोड़ों का कारोबार प्रभावित
हिंदपीढ़ी क्षेत्र में लगातार 8 दिनों से कर्फ्यू रहने और एरिया को पूरी तरह से सील किए जाने से डेली मार्केट की फल और सब्जी मंडी पूरी तरह ठप हो गई है. थोक फल मंडी हरमू बाजार का कारोबार भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. डेली मार्केट फल मंडी के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि डेली मार्केट की फल और सब्जी मंडी से हर दिन लगभग 16 लाख रुपए का कारोबार होता था. 8 दिनों से कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. ऐसे में मात्र आठ दिन में 1.54 करोड का कारोबार प्रभावित हुआ है.
ठप पड़ा है कारोबार
डेली मार्केट में फल हरमू बाजार और सब्जियां ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान सहित रांची के आसपास के गांव से पहुंचती है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ा है.
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दाम कम फिर भी बिक्री न के बराबर
फलों के व्यापारी कहते हैं कि थोक तो छोड़िए हम फुटकर में भी दाम गिराकर बेचने को राजी हैं, ताकि लागत निकल जाए. पर हालात ये हैं कि माल निकलना मुश्किल है. चुटिया फल मंडी के कारोबारी कहते हैं कि जो सेब, अनार, अंगूर, केला तरबूज, अनानस, मौसमी, संतरा समेत सभी फलों के दाम कम हो गए हैं, पर खरीददारों का दर्शन दुर्लभ है. इन्हें चिंता है कि यही हाल रहा तो आने वाला समय और मुश्किल भरा होगा.
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