रांची: झारखंड के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के सदस्य सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखकर कई सुझाव दिए हैं. इसके साथ ही राशन कार्ड की गड़बड़ियों की ओर भी ध्यान देने की अपील की है. ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को राशन मिले. इसे लेकर काम करने की सुझाव भी उनके द्वारा दी गई है.
उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से कहा है कि कोरोना बंदी की अवधि में कम से कम दो सप्ताह की वृद्धि निश्चित प्रतीत हो रही है. स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की कोशिश आपके स्तर से हो रही है. केंद्र से मिलने वाली इस मद की सहायता का यथोचित उपयोग करने की योजना पर आप सभी काम कर रहे हैं. पत्र के माध्यम से सरयू राय ने मुख्यमंत्री से कहा है कि लॉकडाउन के कारण घरों में बैठे लोगों के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन सामग्री की मुकम्मल व्यवस्था की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूं.
सरकार ने की राशन देने की घोषणा
गांवों में 86.4 प्रतिशत और शहरों में 60.2 प्रतिशत लोगों के पास राशन कार्ड हैं. जिन्होंने राशन कार्ड का आवेदन डाला है. उन्हें भी सरकार ने राशन देने की घोषणा की है. नागरिकों की एक ऐसी श्रेणी भी है. जिसे सरकार ने सफेद राशन कार्ड दिया है. इस पर किरोसिन मिलता है पर राशन नहीं मिलता. सफेद कार्डधारियों में ऐसे लोग भी हैं, जो राशन कार्डधारी होने की योग्यता तो रखते हैं, लेकिन उन्हें सफेद राशन कार्ड मिल गया है.
ये भी पढे़ं:लॉकडाउन: अब मोबाइल पर दाल-भात केंद्र की जानकारी, 5 रुपए में मिलेगा भरपेट खाना
सरयू राय ने कहा कि आंकड़ों में जाए तो राज्य में 57 लाख 96 हजार राशनकार्डधारी परिवारों के करीब 2 करोड़ 64 लाख व्यक्ति राशन की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त करीब 4 लाख 84 हजार परिवारों को सरकार ने सफेद राशन कार्ड दिया है. ऐसे परिवारों की सदस्य संख्या 18 से 19 लाख के बीच है. जब इस राज्य में 2 करोड 64 लाख के करीब लोगों को सरकार राशन दे रही है तो करीब 18 लाख सफेद राशन कार्ड से आच्छादित व्यक्तियों को भी 10 किलोग्राम राशन वर्तमान परिस्थिति में दे देने से कोई अधिक वित्तीय भार नहीं पड़ेगा. बंदी के समय में एक बड़ी समस्या का हल हो जाएगा.