रांची:बीसीसीआई के पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर केवीपी राव ने बीसीसीआई प्रबंधन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बीसीसीआई की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है. राजधानी रांची के प्रेस क्लब में उन्होंने कहा कि बीसीसीआई में सब कुछ असंवैधानिक हो रहा है. बीसीसीआई पर सवाल उठाने के कारण उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. उन्हें 22 दिसंबर 2020 को बीसीसीआई की ओर से इन्हीं सब चीजों पर सवाल उठाने के कारण टर्मिनेट कर दिया.
बीसीसीआई के पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर केवीपी राव ने सौरव गांगुली, जय शाह समेत बीसीसीआई के कई अधिकारियों पर बड़े आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बीसीसीआई में असंवैधानिक काम हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीसीसीआई में जितनी भी नियुक्तियां हो रहीं हैं वह असंवैधानिक तरीके से हो रहीं हैं. केवीपी राव ने आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इन सब पर सवाल उठाया और बीसीसीआई प्रबंधन से ईमेल के जरिए जवाब मांगा तो उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया. उन्होंने कहा कि 10 साल से वे बीसीसीआई में असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर थे. टर्मिनेशन के पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया, ना ही बकाया वेतन ही दिया जा रहा था. अंत में उन्होंने टर्मिनेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.
BCCI के पूर्व AGM केवीपी राव ने विराट कोहली के इस्तीफे पर किया खुलासा, कहा- असंवैधानिक तरीके से काम कर रहा क्रिकेट बोर्ड
बीसीसीआई के पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर केवीपी राव ने क्रिकेट बोर्ड पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि है कि बीसीसीआई असंवैधानिक तरीके से काम कर रहा है. यही नहीं उन्होंने विराट कोहली के इस्तीफे के बारे में भी खुलासा किया है.
बीसीसीआई पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर केवीपी राव का कहना है कि जब उनकी तरफ से बीसीसीआई को लीगल नोटिस भेजा गया तब जाकर उनका बकाया वेतन दिया गया. उन्होंने ये भी आरोप लगाए कि जब वह बीसीसीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए तब उन्हें बीसीसीआई की ओर से हाथ पैर तोड़ने की धमकी भी दी गई. केवीपी राव का कहना है कि बीसीसीआई में असंवैधानिक तरीके से हो रहे काम को लेकर उन्होंने सौरव गांगुली को ईमेल भेजा और इस संबंध में उनसे जानकारी मांगी लेकिन बीसीसीआई की ओर से एक ईमेल का भी जवाब नहीं मिला.
बीसीसीआई के पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर ने विराट कोहली के कप्तानी से इस्तीफा देने के बारे में कहा कि विराट कोहली बीसीसीआई की कार्यशैली से परेशान थे. उन्होंने इसके बारे में सवाल भी उठाए थे लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे कई मामले हैं जिसके बारे में खिलाड़ी आगे आकर नहीं बोलते हैं. क्योंकि उन्हें देश के लिए खेलना है और वह भी कई मजबूरियों के साथ बंधे हुए हैं.