रांची: जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास जैसे हाई सिक्योरिटी जोन माने जाने वाले इलाके में चार दिन पहले कुख्यात अपराधी कालू लामा हत्याकांड का पुलिस ने महज 4 दिनों के अंदर ही खुलासा कर दिया है. घटना में शामिल और वारदात को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रेकी करने वाले पांच अपराधियों को झारखंड और बिहार में छापेमारी कर धर दबोचा गया है. हालांकि कांड का मास्टरमाइंड लव कुश शर्मा और सोनू शर्मा अब भी फरार है.
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वर्चस्व की लड़ाई में हत्या
वर्चस्व और सब्जी मार्केट के ठेका वसूली की वजह से लवकुश शर्मा और सोनू शर्मा के इशारे पर अपराधियों ने कालू लामा की हत्या की थी. हत्या करने के लिए शूटरों को तीन डिसमील जमीन और डेढ़ लाख रुपए सुपारी देने की लालच दी गई थी. रांची पुलिस की जांच में इसका खुलासा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने पांच अपराधियों गया के ज्ञान रंजन उर्फ ज्ञान प्रकाश व सोनू कुरैशी, हिमाचल के संदीप कुमार उर्फ आशु,खेलगांव के रविश भारद्वाज और एदलहातू के बिट्टू खान को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आए अपराधियों के पास से दो पिस्टल, एक देसी कट्टा के अलावा चार गोली व दो बाइक बरामद की गई है. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है.
एसएसपी ने दी पूरी जानकारी
पूरे मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने बताया कि बीते 27 जनवरी को रांची गैंगवार में कालू की हत्या और उसके भाई राजू लामा और शुभम के घायल होने के बाद चार टीम का गठन किया गया था. सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में गठित टीम ने अपराधियों को घटना के चार दिन के भीतर दबोच लिया. एसएसपी ने बताया कि इस वारदात को अंजाम देने में अपराधी बिट्टू खान की भी भूमिका सामने आयी है. उसने कालू की रेकी करने में शूटरों की मदद की थी.
शूटरों ने पांच दिन की थी कालू की रेकी
एसएसपी ने बताया कि अपराधी कालू लामा की हत्या की योजना काफी पहले बन चुकी थी. लवकुश और सोनू शर्मा के इशारे पर शूटर उसकी रेकी घटना से पांच दिन पहले से कर रहे थे. कालू के घर से निकलने से लेकर उसके घर जाने तक की पूरी जानकारी शूटरों ने इकट्ठा कर ली थी. घटना से दो दिन पहले भी शूटरों ने कालू की हत्या करने का एटेम्ट लिया था. लेकिन कालू मोरहाबादी से निकल गया. इसी क्रम में 27 जनवरी को शूटर उसका पीछा कर रहे थे. मोरहाबादी मैदान के समीप मौका मिलते ही शूटरों ने उस पर फायरिंग कर उसकी हत्या कर दी.