रांचीः झारखंड में इस बार मानसून समय से 2 दिन पहले दस्तक देने से कृषि क्षेत्र में काफी उम्मीद जगी है. खासकर मत्स्य पालन से जुड़े किसानों की बात करें तो वे मानसून के बाद ही अपने तालाबों की तैयारी शुरू कर देते हैं. इसको लेकर मत्स्य विभाग पूरी तरह से तैयारी में जुट चुकी है. मत्स्य बीज(स्पॉन) को मत्स्य विभाग में बने छोटे-छोटे तलाव में डाला जा रहा है और साथी मत्स्य विभाग ने मत्स्य पालन से जुड़े किसानों को अपने तालाबों को तैयार करने की सलाह दी है.
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मत्स्य बीज तैयार करने के लिए अनुकूल समय
मत्स्य विभाग के प्रसार पदाधिकारी एसपी सिंह ने कहा कि मानसून का यह समय मत्स्य बीज तैयार करने के लिए अनुकूल समय होता है. नर्सरी में मतस्य स्पॉन को डाला जाता है जो 20 से 25 दिनों में 1 इंच तक तैयार हो जाता है और जिसे किसानों के बीच वितरित किया जाता है. इसके बाद अन्य तालाबों में इसे संचयन कर दिया जाता है. मानसून के शुरुआती समय मत्स्य दीप के लिए अनुकूल समय होता है. आईएमसी के मत्स्य बीज को मत्स्य विभाग की ओर से अगस्त के पहले दूसरे सप्ताह में किसानों के बीच वितरण किया जाता है. वहीं उन्होंने मत्स्य पालन से जुड़े किसानों से कहा कि बरसात के शुरुआती समय में किसान अपने तालाबों की तैयारी पूरी कर ले. तालाब में गोबर, खाद और चुना डालकर अच्छे से तैयार कर ले. साथ ही उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन से जुड़े किसी भी तकनीकी परामर्श के लिए मत्स्य विभाग से किसान संपर्क कर सकते हैं. किसानों को सरकारी दर से मत्स्य विभाग में मत्स्य बीज उपलब्ध कराया जाता है.