रांची: आज से नवरात्रि की शुरुआत हुई (Shardiya Navratri 2022)है. अगले 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाएगी. आज मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री(Shailputri first form of Goddess Durga) की पूजा की जा रही है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से हर तर के डर से मुक्ति मिलती है और साहत मिलता है.
Shardiya Navratri 2022: मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की हो रही है पूजा, इन मंत्रों के उच्चारण से मिलेगा बेहतर फल
शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुकी है. आज नवरात्रि का पहला दिन(first day of Shardiya Navratri 2022) है. आज मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इनके पूजन से भय का नाश होता है.
मां दुर्गा के पहले स्वरूप शैलपुत्री (Shailputri first form of Goddess Durga)को लेकर रांची के प्रख्यात पंडित आचार्य जितेंद्र जी महाराज बताते हैं कि पुराणों के अनुसार हिमालय की पुत्री होने की वजह से उन्हें शैलपुत्री के रूप में जाना जाता है. शैलपुत्री को मां पार्वती के रूप में भी पूजा जाता है. पुराण के अनुसार माता सती के आत्मदाह के बाद शैलपुत्री का जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ. जिनका विवाह भगवान शिव से किया गया.
ऊॅं देवी शैलपुत्र्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम: ऊॅं शं शैलपुत्री देव्यै: नम:
ऊॅं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ऊॅं शैलपुत्री देव्यै नम: