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Published : Aug 5, 2021, 10:20 AM IST

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रेमडेसिविर कालाबाजारी के आरोपी राजीव सिंह की ऑडियो क्लिप से नया खुलासा, फर्जी अधिकारी बन जमाता था धौंस, FIR दर्ज

रेमडेसिविर कालाबाजारी का आरोपी राजीव सिंह के फर्जी अधिकारी बन अधिकारियों पर धौंस जमाने का मामला सामने आया है. पूरे मामले के सामने आने के बाद डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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रेमडेसिविर कालाबाजारी

रांची:कोरोना आपदा के वक्त रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले में गिरफ्त में आए आरोपी राजीव सिंह कितना बहरूपिया है इसका धीरे-धीरे खुलासा हो रहा है. अब जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक राजीव सिंह कभी रेल डीआईजी, कभी एससी आयोग के चेयरमेन का ओएसडी (OSD) तो कभी फूड सेफ्टी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ( FSCI) का डायरेक्टर बता कर पहले धौंस दिखाता था और फिर लोगों को अपने झांसे में लेता था. सीआईडी को राजीव कुमार का एक ऑडियो हाथ लगा है. जिससे उसके फर्जीवाड़े का पता चल रहा है. अब इसको लेकर सीआईडी की एसआईटी की टीम ने डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.

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क्या है एफआईआर में

पूरे मामले में सीआईडी के इंस्पेक्टर संतोष कुमार की ओर से FIR दर्ज कराई गई है. जिसके मुताबिक रेमडेसिविर प्रकरण की जांच के दौरान राजीव कुमार सिंह के पास से जो दो मोबाइल जब्त किए गए हैं. उससे तीन ऐसे ऑडियो सामने आयी है जिससे वो कितना शातिर है इसका पता चलता है. ऑडियो में राजीव कुमार खुद को रेल डीआईजी, ओएसडी, तो कभी एफएससीआई डायरेक्टर बताकर धौंस झाड़ रहा है. ऑडियो के आधार पर डोरंडा थाने में आइपीसी की धारा 419 और 420 के तहत के एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. गौरतलब है कि राजीव सिंह राज्य के कई बड़े आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों का भी करीबी रहा है.

ऑडियो में क्या है

जांच में मिले ऑडियो से राजीव सिंह के कई कारनामों का पता चला है. मोबाइल नंबर 923445775 और 7360008341 से बातचीत के दौरान धौंस झाड़ता हुआ राजीव सिंह दिखाई दे रहा है. एक ऑडियो में राजीव कुमार खुद को रेल डीआईजी बताकर किसी अस्पताल में भर्ती मरीज का बिल कम करने के लिए दबाव डाल रहा है. दूसरे ऑडियो में वह एससी आयोग के चेयरमैन का ओएसडी बनकर किसी गोपाल जी से प्रिंस नामक मरीज को सुविधा देने के लिए कह रहा है. मोबाइल नंबर 7004711714 पर बातचीत की गई है.

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संवेदनशील जानकारी लेने की कोशिश

राजीव सिंह फर्जी अधिकारी बन सिर्फ धौंस ही नहीं झाड़ता था, बल्कि उसने दूसरे अधिकारियों से संवेदनशील जानकारी लेने की भी कोशिश की है. ऑडियो से हुए खुलासे के मुताबिक उसने खुद को FSCI डायरेक्टर बताकर एफएसएल डायरेक्टर से बातचीत की और किसी केस के अनुसंधान के बारे में जानकारी ली. इसके अलावे वह चतरा में अफीम तस्करी मामले का डिटेल्स भी लेने की कोशिश कर रहा था. तीसरे ऑडियो में राजीव सिंह एफएसएल के डायरेक्टर से बातचीत करते सुना गया है. जिसमें फर्जी एफएससीआई का डायरेक्टर बनकर चतरा जिले के ईटखोरी थाने में दर्ज कांड 210/20 के संबंध में जानकारी ली है. जो कि अफीम तस्करी से जुड़ा हुआ मामला है. राजीव सिंह ने अपने मोबाइल नंबर से 9431706226 पर 21 फरवरी 2021 को कॉल किया था, जिसमें अफीम की रिपोर्ट से संबंधित जानकारी मांगी है. जबकि ऐसे मामलों में जानकारी लेने का अधिकार कोर्ट और अनुसंधानकर्ता को ही होता है. ऑडियो में बातचीत से यह भी प्रतीत होता है कि वह कुछ दिन पहले उसने एफएसएल के डायरेक्टर से मुलाकात भी की थी. सीआईडी ने तीनों ऑडियो को पुलिस को पेन ड्राइव में साक्ष्य के तौर पर उपलब्ध करवाया है और संबंधित मामलों की जांच में जुट गई है.

रेमडेसिविर की कैसे हुई थी कालाबाजारी

बता दें कि रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले को सीआईडी ने हाई कोर्ट के आदेश पर टेकओवर किया था. इसके बाद सीआईडी में एसआईटी की टीम का निर्माण किया गया. 30 अप्रैल को राजीव सिंह को जेल भेजा गया था जो कि फिलहाल जेल में बंद है. मामले में बीते 29 अप्रैल को आईपीसी की धारा 420, 120 बी, 188, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में स्टिंग करने वाले क्षेत्रीय चैनल की सूचना और उस कार्यालय से जब्ती सूची तैयार करने को आधार बनाया गया है.

1.10 लाख में बेचे थे 5 इंजेक्शन

राजीव कुमार सिंह ने कालाबाजारी करते हुए 1.10 लाख में इंजेक्शन की 5 वाइल बेची थी. एक निजी चैनल के स्टिंग के बाद मामला सामने आया था. इसके बाद आरोपित राजीव कुमार सिंह को नामजद आरोपित बनाते हुए केस दर्ज किया गया था. ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों की ओर से दर्ज कराए गए एफआइआर में बताया गया है कि एक स्टिंग से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली. इस सूचना के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम कोतवाली थाना पहुंची. वहां से कोतवाली थाने की पुलिस के साथ टीम क्षेत्रीय चैनल के दफ्तर पर पहुंची और कालाबाजारी से 1.10 लाख में खरीदी गई रेमडेसिविर इंजेक्शन को विधिवत जब्त किया. जब्ती सूची तैयार करने के बाद टीम कोतवाली थाने पहुंची और एफआईआर दर्ज कराई थी. कालाबाजारी करने के लिए आरोपित अपनी कार (जेएच01पी-0044) से राजभवन के पास पहुंचा था. वहीं पर 1.10 लाख रुपये लेकर इंजेक्शन की पांच वाईल बेची थी. इस पूरे कालाबाजारी की वीडियो फुटेज भी ड्रग कंट्रोल विभाग ने लिया है. जिसे पुलिस को सौंपा गया है.

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