रांची:रिनपास में विक्षिप्त महिला के कार की चपेट में आने से घायल और फिर अस्पताल में मौत मामले में कांके थाना में रिनपास के प्रभारी निदेशक डॉ जयति सिमलाई (Director-in-Charge of Rinpas Dr. Jayati Simlai) के खिलाफ 420,279,304(A) धारा आईपीसी के तहत कांके थाना (Kanke Police Station) में मामला दर्ज किया गया है. सिविल कोर्ट (Civil Court) में दायर कंप्लेन केस में सुनवाई करते हुए CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) ने कांके थाना को मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. उसी आदेश बाद डॉ जयति सिमलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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सिविल कोर्ट (Civil Court) में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बहस में अदालत से यह आग्रह किया था कि तत्काल जयती सिमलाई का RINPAS से दूसरी जगह ट्रांसफर करने का आदेश दिया जाये, क्योंकि इस मामले में उनके ऊपर ही आरोप लग रहे हैं. अगर उनके रहते इस मामले की जांच होती है, तो वे अपने पद का दुरूपयोग कर जांच को प्रभावित कर सकती हैं. शिकायतकर्ता की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिका को निष्पादित करते हुए कांके थाना को CRPC की धारा 156 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
रिनपास में हुई इस घटना के बाद निदेशक जयती सिमलाई के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. रांची CJM (चीफ़ जयूडिशियल मेजिस्ट्रेट) की कोर्ट में कम्प्लेन केस दायर किया गया. कांके के रहने वाले सोनू मुंडा ने अपने अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी के माध्यम से परिवाद वाद दायर किया. परिवाद वाद में यह तथ्य कोर्ट के समक्ष लाया गया कि किस तरह जयती शिमलई की गाड़ी के कुचलने से वहां की एक महिला मरीज की मृत्यु को गई और RINPAS प्रबंधन ने मिलीभगत से इस पूरे मामले को दूसरा रूप दे दिया. कम्प्लेन करने वाले अधिवक्ता ईशान रोहन तिवारी ने कहा है कि हर इंसान के जान की कीमत एक बराबर होती है.