रांचीः झारखंड में मौसम के आधार पर ही किसान अपने खेतों में फसल की बुआई करते हैं, लेकिन मौसम की सटीक जानकारी नहीं होने के कारण किसानों को कई दफा नुकसान भी उठाना पड़ता है. किसानों को यह नहीं पता चलता है कि अगले घंटे मौसम का मिजाज कैसा रहेगा. वह अपने खेतों में फसलों की बुआई कर सकते हैं कि नहीं या फिर फसलों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं की नहीं. इन सभी कार्यों को लेकर किसान हमेशा असमंजस की स्थिति में रहता है, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता होता है अगले एक-दो दिन या फिर अगले 1 घंटे में मौसम किस तरह से परिवर्तित होगा और किसानों को इन्हीं तमाम परेशानियों को देखते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने बिरसा वेदर फोरकास्ट और पोर्टल तैयार किया है.
ईटीवी भारत से वैज्ञानिक की बातचीत
जिसके जरिए किसान मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, बिरसा वेदर फोरकास्ट किसानों के लिए किस तरीके से लाभकारी होगा. इन तमाम चीजों से जुड़े ईटीवी भारत की टीम से खास बातचीत की है. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने इस ऐप को लेकर की जानकारी साझा की है. इसके जरिए किसान किस तरीके से अपने फसलों की जुताई से लेकर दवाओं के छिड़काव तक कर सकते हैं. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बीके झा ने बताया कि हाल के दिनों में प्रदेश की जलवायु में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. जिसका असर सीधे किसानों की फसलों पर दिखता है. इसी को ध्यान में रखकर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने सीडैक कोलकाता के साथ मिलकर बिरसा वेदर फोरकास्ट और ऐप का विकास किया है और इस ऐप के जरिए किसान अपने पंचायत स्तर तक का मौसम पूर्वानुमान सटीक जानकारी प्राप्त कर सकता है.