रांचीः राज्य सरकार ने इस वर्ष 50 फीसदी अनुदान पर राज्य के किसानों को बीज मुहैया कराने का निर्णय लिया है. लेकिन हालत यह है कि राज्य के जिलों में धान, मक्का, रागी और ज्वार की निर्धारित लक्ष्य 43483 क्विंटल की तुलना में अब तक 17513 क्विंटल ही बीज कृषि निदेशालय से भेजा जा सका है. इसके बाबजूद सरकार इसे आपदा में अवसर मान राज्य में बंपर पैदावार होने की उम्मीद जताई है.
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खरीफ फसल के लिए सरकारी अनुदानित बीज मुहैया कराने की धीमी रफ्तार है. राज्य सरकार ने इस वर्ष 50 फीसदी अनुदान पर राज्य के किसानों को बीज मुहैया कराने का निर्णय लिया है. लेकिन हालत यह है कि राज्य के जिलों में धान, मक्का, रागी और ज्वार की निर्धारित लक्ष्य 43483 क्विंटल की तुलना में अब तक 17513 क्विंटल ही बीच कृषि निदेशालय से भेजा जा सका है. अनुदानित बीज की धीमी रफ्तार से किसान जहां बेहद परेशान हैं, वहीं सरकार ने इस वर्ष जुलाई के अंत तक राज्य में खरीफ फसल की 80% रेकॉर्ड बुआई होने की उम्मीद जताई है.
कृषि मंत्री बादल का दावा
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने चक्रवाती तूफान यास और कोरोना आपदा के समय में भी किसानों को समय पर समुचित बीज सरकार द्वारा अनुदानित दर पर उपलब्ध कराने का दावा किया है. कृषि मंत्री के अनुसार इस वर्ष जुलाई के अंत तक 80 फीसदी बुआई हो जाएगी और खरीफ की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है.
किसानों को हो रही है परेशानी
किसानों ने सरकार पर खरीफ फसल का बीज उपलब्ध नहीं कराये जाने का आरोप लगाया है. राजधानी रांची के बेड़ों के किसान समरजीत की मानें तो कोरोना और तूफान से परेशान किसानों को अब तक सरकारी बीज नहीं मिलने से खरीफ फसल भी हाथ से जा रहा है. धान एवं अन्य फसलों के बीज रोहिणी नक्षत्र में गिराया जाता है मगर सरकार द्वारा अब तक कहीं भी बीज उपलब्ध नहीं हुआ है.
बीजेपी सांसद संजय सेठ भी किसानों के समर्थन में आए
बीजेपी सांसद संजय सेठ ने किसानों को अब तक अनुदानित बीज उपलब्ध नहीं कराये जाने पर राज्य सरकार को दोषी मानते हुए जमकर निशाना साधा है. संजय सेठ ने राज्य सरकार पर केवल लंबी लंबी घोषणा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खरीफ फसल का बीज नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने किसानों के लिए जो योजना लाई थी, उसे हेमंत सरकार ने बंद कर दिया जिससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है.