रांची: झारखंड में इस बार बारिश अच्छी होने के कारण किसानों के खेत में धान की पैदावार बंपर हुई है. सरकार ने भी किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से समर्थन मूल्य तय किया है. इसको लेकर रांची जिले में 23 धान क्रय केंद्र भी खोले गए हैं, लेकिन इनमें से एक भी धान क्रय केंद्र में धान की खरीदारी नहीं हो रही है. इस कारण किसानों को अपनी फसल बिचौलियों के हाथों बेचना पर रहा है.
कब खरीदी जाएगी धान
राज्य सरकार ने धान क्रय केंद्र खोलने के साथ ही 1 दिसंबर से धान खरीदने का निर्देश दिया था, लेकिन धान क्रय केंद्र में अब तक धान खरीदने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. किसान अपने धान का सैंपल लेकर धान क्रय केंद्र पहुंच रहे हैं और अपने धान की नमी चेक करवा रहे हैं. किसानों का कहना है कि धान क्रय केंद्र में धान की नमी जांच की जा रही है और जांच में सब कुछ सही पाने के बाद भी धान नहीं खरीदा जा रहा है. धान क्रय केंद्र से स्पष्ट नहीं किया जा रहा है कि आखिर उनकी धान कब खरीदी जाएगी. इसका नतीजा ये हो रहा है कि किसानों को बिचौलिए के हाथों 1100 से 1200 रुपये क्विंटल धान बेचना पर रहा है.
धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित
सरकार ने इस बार धान खरीद को लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है, जो कि साधारण धान पर 1868 रुपये प्रति क्विंटल, ग्रेड ए धान पर 1888 रुपए तय की गई है. इसके साथ ही 182 रुपया पर क्विंटल किसानों को बोनस भी तय किया गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2.27 लाख टन धान की खरीद की गई थी. वित्तीय वर्ष 2019-20 में 3.24 लाख टन धान की खरीद पूरे राज्य में की गई थी और रांची जिले में 1 लाख 73 हजार क्विंटल धान खरीदी गई थी. वहीं, इस वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य में 4.50 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.