रांची: देशभर में किसानों की हालत किसी से छुपी हुई नहीं है. किसानों को कभी मानसून की दगाबाजी तो कभी बाजार की मार झेलनी पड़ती है. जिसका असर फसल पर होता है और इसके बदले उन्हें सरकार से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिलता. जिसमें झारखंड भी एक ऐसा ही राज्य है.
सरकार से मिलता है केवल आश्वासन
पिछले कई वर्षों से मानसून के दगाबाजी के कारण झारखंड के कई जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया. जिसे देखते हुए किसानों ने 2018 में फसल बीमा का प्रीमियम की राशि देकर फसल बीमा करवाया गया. बावजूद किसानों को फसल बीमा का लाभ तो दूर फसल बीमा प्रीमियम की राशि तक वापस नहीं की गई. इसे लेकर किसान नाराज हैं. इस वर्ष भी किसान मौसम के हाल को देखते हुए अपने फसल का बीमा करा रहे हैं. किसानों को सरकार से अपेक्षा तो काफी रहती हैं लेकिन बदले में सिर्फ इन्हें निराशा ही हाथ लगती है.
प्रीमियम राशि हो वापस
वर्ष 2018 सरकार के द्वारा किसानों से प्रीमियम राशि लेकर फसल बीमा कराया गया था, लेकिन उस राशि का भुगतान अब तक किसानों के खाते में नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि सरकार हमें फसल बीमा का भुगतान तो नहीं करा रही है लेकिन कम से कम जो हम लोग प्रीमियम राशि दिए थे वो राशि वापस हो जाए.