रांची: पिछले कई सालों से राज्य में सरेंडर पॉलिसी के तहत कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, लेकिन उनके परिजनों को अब तक किसी भी तरीके का लाभ नहीं मिल रहा है. इसी से नाराज होकर राज्य के विभिन्न जिलों के आत्मसमर्पण नीति के तहत सरेंडर किए और जेल में बंद नक्सलियों के परिजन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करने पहुंचे. हालांकि समय और व्यस्तता के कारण सीएम इनसे मुलाकात नहीं कर सके. उन्होंने अधिकारियों को तमाम परिजनों से मुलाकात करने का निर्देश देकर प्रोजेक्ट भवन के लिए निकले. परिजनों की परेशानियों को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बातचीत की है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत राज्य भर के नामचीन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जिसमें कुंदन पाहन, लखन सिंह मुंडा, जोसेफ पूर्ति जैसे सरीखे नक्सली नेता भी शामिल हैं. ऐसे ही 50 से अधिक नक्सली नेताओं के परिजन समर्पण नीति के तहत मिलने वाले लाभ से अब तक वंचित है. कुछ लोगों को इसका लाभ मिला है, लेकिन अभी भी ऐसे अधिकतर लोग हैं, जिन्हें किसी भी तरीके का लाभ राज्य सरकार से अब तक नहीं दिया गया है. इसी से दुखी होकर राज्यभर से नक्सलियों के परिजन मंगलवार की सुबह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ मुलाकात करने उनके आवास पहुंचे.
हालांकि सीएम की व्यस्तता के कारण वह उनसे मुलाकात नहीं कर पाए लेकिन संबंधित अधिकारियों को उनसे मुलाकात कर उनकी परेशानियों को दूर करने की निर्देश देकर वह कैबिनेट के लिए निकले. बता दें कि इनमें खूंटी, सरायकेला, गुमला, लातेहार, औरंगाबाद बिहार, पलामू, गढ़वा, दुमका, खूंटी समेत कई क्षेत्रों के नक्सलियों के परिजन शामिल है.