रांची: पुलिस ने लालपुर इलाके से एक फर्जी आईबी अधिकारी शेखर को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार फर्जी अधिकारी झारखंड के कई जिलों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी को अंजाम दे चुका है. छह करोड़ से अधिक की ठगी कर चुका है.
शेखर ने की 6 करोड़ से ज्यादा की ठगी
शेखर झारखंड के कई जिलों में फर्जी आईबी अधिकारी बनकर केंद्र और राज्य सरकार में नौकरी लगाने के नाम पर 100 से अधिक लोगों की ठगी का आरोपी शेखर कुमार को लालपुर पुलिस ने कर्मटोली इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस के जांच में यह सामने आया है कि शेखर ने अब तक लगभग 100 लोगों से 6 करोड़ से ज्यादा की ठगी की है.
शेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
शेखर के खिलाफ हजारीबाग के रहने वाले अशोक सहित चार अन्य लोगों ने एफआईआर दर्ज करवाया था. जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी. इसी बीच लालपुर थानेदार को यह सूचना मिली की शेखर करमटोली चौक के पास एक घर में रह रहा है. हजारीबाग पुलिस की सूचना पर पुलिस ने शुक्रवार की रात उसे धर दबोचा. तलाशी के दौरान शेखर के पास से फर्जी आई कार्ड, ठगी के शिकार लोगों से लिए 75 चेक, उसका फर्जी सेवा पुस्तिका, खुफिया विभाग का फर्जी लेटर सहित कई दूसरे कागजात जब्त किए गए है.
पुलिस ने की पूछताछ
लालपुर पुलिस के पूछताछ में शेखर ने ठगी की बात स्वीकार की है उसने यह भी बताया कि उसने कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है. गिरफ्तार शेखर मूल रूप से तिलैया का रहने वाला है जबकि वह रांची में लालपुर के वसुंधरा अपार्टमेंट में रहा करता था. निजी बॉडीगार्ड और महंगी गाड़ियां रखता था, शेखर अपने आप को बड़ा अधिकारी साबित करने के लिए शेखर महंगी गाड़ियों से सफर करता था और अपने साथ हथियारबंद निजी गार्ड भी रखता था. लोगों को झांसे में लेने के लिए वह उनसे महंगे होटलों में मिलता और उन्हें बताता कि उसकी पहुंच केंद्र और राज्य सरकार के बड़े-बड़े विभगो में है. वह किसी भी विभाग में किसी को भी नौकरी दिला सकता है.
नौकरी दिलाने के नाम पर चला रहा था ठगी का गिरोह
पुलिस के पूछताछ में यह पता चला है कि शेखर झारखंड में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का गिरोह चला रहा था गिरोह में कई लोग हैं जो बेरोजगारों को फंसाते हैं शेखर पहले बेरोजगारों को अपना आई कार्ड और सेवा पुस्तिका दिखाता था ताकि लोग उस पर विश्वास करें. शेखर के पास जो आई कार्ड मिला है उसमें उसका पद सहायक सचिव का है उसके पास से मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स का एक फर्जी लेटर भी मिला है. जिसमें उसने लिख रखा था कि खुफिया विभाग में उसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया जाता है. प्रदेश पुलिस और गृह मंत्रालय के तत्वधान में उसकी नियुक्ति 10 सालों की होगी.
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ठगी का पैसा लगाता था कोयला कारोबार में
आरोपी शेखर ने अपने बयान में बताया है कि वह ठगी के पैसे से कोयला के कारोबार में लगाता था. इसके अलावा उसने अलग-अलग जिलों में कई जगह पर घर और जमीन मिली है. पुलिस के पास अब तक 100 से अधिक पीड़ितों के फोन आ चुके हैं जो शेखर ने ठगे हैं.