रांची: आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मे और तेलंगाना के वारंगल स्थित आरईसी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बाद आईपीएस बनकर पुलिस सेवा में आए एमवी राव की पहचान एक ईमानदार और तेज तर्रार अफसर के रूप में होती है. डीजीपी एमवी राव ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता होगी कि पुलिस को जनता के प्रति अकाउंटेबल बनाई जाए. पुलिस के पास पहुंचने में आम लोग थोड़ा भी संकोच न करें. क्योंकि विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ-साथ आम लोगों की भागीदारी जरूरी है.
डीजीपी एमवी राव से खास बातचीत एमवी राव ने नक्सलवाद को एक बड़ी चुनौती बताया और कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए अनवरत काम करने की जरूरत है. लेफ्ट विंग के खिलाफ आंध्र प्रदेश में ग्रेहाउंड नाम के स्पेशल फोर्स का भी उन्होंने जिक्र किया और कहा कि उसी तर्ज पर झारखंड में झारखंड जगुआर है और वह हर चुनौती से लड़ने में सक्षम है. कोयले के अवैध कारोबार और जमीन की दलाली में पुलिस के गठजोड़ से बढ़ रहे अपराध के सवाल पर उन्होंने कहा कि कहीं भी, कभी भी और किसी भी पुलिस के एक जवान से लेकर अफसर तक की भूमिका की बात सामने आएगी तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों, महिलाओं और बालक-बालिकाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. पुलिस अफसर के रूप में कई स्तर पर किए गए अपने कार्य अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अलग-अलग जगहों पर अपराध के अलग-अलग नेचर सामने आते हैं. कहीं स्नेचिंग की घटनाएं ज्यादा होती हैं, कहीं बंद घरों में चोरी की घटनाएं, कहीं छेड़खानी की घटनाएं. लिहाजा, आने वाले समय में तमाम पुलिस पदाधिकारियों के सहयोग से एक प्लान तैयार किया जाएगा और जगह के हिसाब से कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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डीजीपी एमवी राव ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके नेतृत्व में झारखंड की पुलिस सिर्फ उन बातों को आम लोगों से शेयर नहीं करेगी, जिसका सरोकार डिपार्टमेंट के विशेष आंतरिक मामलों से जुड़ा होगा. इसके अलावा हर ऐसी बात जो जनता से जुड़ी है, वह जनता तक पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में पुलिस हर 100 दिन के लिए एक कार्य योजना बनाकर काम करेगी. बता दें कि पलामू के चर्चित बकोरिया मुठभेड़ की जांच को एमवी राव ने ही आगे बढ़ाया था. अब इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है.