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झारखंड शिक्षा विभाग का बेहतरीन पहल, लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई के लिए किया यह काम

झारखंड शिक्षा विभाग ने एक बेहतरीन पहल की है. इससे सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को फिलहाल किताब की परेशानी दूर हो सकती है. विभाग ने बच्चों तक टेक्सट बुक का पीडीएफ फाइल भेजना शुरू कर दिया है ताकि लॉकडाउन में पढ़ाई बाधित ना हो.

Jharkhand Education Department
झारखंड शिक्षा विभाग

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Published : Apr 19, 2020, 5:29 PM IST

Updated : May 23, 2020, 2:56 PM IST

रांची: लॉकडाउन के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने एक बेहतरीन पहल की है. इससे सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को फिलहाल किताब की परेशानी दूर हो सकती है. दरअसल झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने दसवीं तक के छात्रों को तमाम टेक्स्ट बुक के पीडीएफ उपलब्ध कराने को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक JEPC ने लॉकडाउन से पूर्व विभिन्न प्रखंडों और क्षेत्रों के लिए किताबों की डिलीवरी कर दी गई थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण किताबें नहीं पहुंच पाई हैं. इसे देखते हुए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को यह निर्देश दिया है कि जरूरतमंद बच्चों तक कम से कम पीडीएफ के जरिए ही टेक्स्ट बुक मुहैया करा दिये जाए.

हालांकि एक बड़ा सवाल ये है कि अधिकतर बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं होंगे और इस समस्या से निपटने के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षक विभाग और सम्बंधित अभिभावकों के बीच का रास्ता निकालने को लेकर विभागीय मंत्री से सुझाव भी मांगा गया है.

30 फीसदी बच्चों के पास नहीं है किताब

गौरतलब है कि काफी पहले ही विभाग ने विद्यार्थियों तक पुस्तक और बैग पहुंचा दिया गया था. लगभग 70 फीसदी प्रखंडों तक सरकारी स्कूलों के बच्चों को मिलने वाले निशुल्क किताबें पहुंच गई थी. लेकिन 30 फीसदी किताबें मुहैया नहीं हो सकी हैं और इन्हीं 30 फीसदी किताबों को पीडीएफ के माध्यम से झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद विद्यार्थियों तक पहुंचाने की कोशिश में है. सब कुछ सही हो जाने के बाद बच्चों को टेक्स्ट बुक मुहैया करा दिया जाएगा. फिलहाल बच्चों की पठन-पाठन बाधित न हो इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया.

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गौरतलब है कि विभाग ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से राज्य भर के लगभग 90 हजार शिक्षकों को जोड़ा है. इन शिक्षकों के जरिए राज्य भर के सरकारी स्कूलों के बच्चों को जोड़ा जा रहा है और डिजिटल माध्यम से पठन-पाठन सामग्री भी मुहैया करवाने की कोशिश हो रही है. कुछ हद तक विभाग को सफलता भी मिली है. ऐसे में बच्चों को टेक्स्ट बुक की जगह अगर पीडीएफ भी मिल जाती है तो यह विभाग के लिए एक उपलब्धि होगी.

Last Updated : May 23, 2020, 2:56 PM IST

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