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झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सीएमडी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, अग्रिम जमानत की मिली मंजूरी - Electricity Board

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सीएमडी एसएन वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की.

Ex-CMD of Jharkhand State Electricity Board gets bail from High Court
झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सीएमडी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत

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Published : Jun 16, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 10:59 PM IST

रांची:वित्तीय अनियमितता के आरोपी झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सीएमडी एसएन वर्मा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अदालत ने पूर्व सीएमडी एस एन वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें अग्रिम जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. पूर्व सीएमडी को अदालत ने सशर्त जमानत दी है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत में झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के पूर्व सीएमडी एसएन वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से जमानत के लिए गुहार लगाई.

उन्होंने कहा की जमानत की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के आग्रह को अदालत ने स्वीकार करते हुए प्रार्थी को जमानत दे दी है. वहीं, सरकार के अधिवक्ता ने पूर्व सीएमडी एक्शन बर्मा की जमानत का विरोध करते हुए याचिका को खारिज करने का आग्रह किया. लेकिन अदालत ने उनके आग्रह को नामंजूर करते हुए और प्रार्थी के अधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत याचिका दी है. अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. जिसमें कहा है कि प्रार्थी निचली अदालत में 2 लाख का निजी मुचलका जमा करेगा. 6 सप्ताह में निचली अदालत में सरेंडर करना होगा.

स्वर्णरेखा पावर प्रोजेक्ट के मरम्मत कार्य के लिए गलत एस्टीमेट बनाए जाने के मामले में इन्हें आरोपी बनाया गया है. मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई के अनुसार करीब 5 करोड़ में ही पावर प्रोजेक्ट का मरम्मत हो सकती थी, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से इसे 20 करोड़ कर दिया गया था. जो वित्तीय अनियमितता की ओर इशारा कर रहा है.

Last Updated : Jun 16, 2021, 10:59 PM IST

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