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स्मार्टफोन इस्तेमाल करनेवालों को निशाना बना रहे साइबर अपराधी, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय

झारखंड में साइबर क्राइम दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से झारखंडवासियों की प्रतिष्ठा धूमिल होती जा रही है. सोमवार को ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस दौरान उन्होंने साइबर क्रिमिनल के चंगुल से बचने के लिए कई तरीके बताएं.

ETV bharat special talk with cyber expert
ईटीवी भारत की साइबर एक्सपर्ट से बातचीत

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Published : Jun 15, 2020, 2:21 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 6:30 PM IST

रांचीः साइबर क्राइम की बात सामने आते ही झारखंड का जिक्र होने लगता है. खासकर जामताड़ा का, लेकिन अब इसका दायरा देवघर और गिरिडीह होते हुए धनबाद तक फैल गया है. आए दिन साइबर क्रिमिनल को ढूंढने के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस झारखंड आती रहती है. जाहिर सी बात है इसकी वजह से झारखंडवासियों की प्रतिष्ठा धूमिल होती है. हालांकि, पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने साइबर क्राइम पर नियंत्रण मजबूत करने के लिए साइबर थाने भी बनाए, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में थाने कारगर साबित नहीं हो पा रहे हैं.

ईटीवी भारत की साइबर एक्सपर्ट से बातचीत

साइबर मामलों में सरकार को तकनीकी सहयोग की जिम्मेदारी JHAR CERT की है, जिस का फुल फॉर्म है झारखंड कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम. यह टीम सीडैक के अधीन काम करती है. झारखंड के 6 साइबर थानों में साइबर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में सहयोग करने वाले JHAR CERT के टीम हेड अंशु सिंह ने साइबर क्राइम के नए-नए तौर-तरीके और बचाव के उपाय पर ईटीवी भारत से चर्चा की.

ईटीवी भारत की साइबर एक्सपर्ट से बातचीत

साइबर वर्ल्ड में डाटा की अहमियत

आमतौर पर एक सामान्य इंसान साइबर वर्ल्ड को सिर्फ आर्थिक अपराध से जोड़कर देखता है. यह समझा जाता है कि साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर पैसे निकाल लेते हैं, लेकिन साइबर वर्ल्ड में डाटा की सबसे ज्यादा अहमियत होती है. अब तो साइबर अपराधी कुछ ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं. जिसकी वजह से एक आम इंसान की प्रतिष्ठा के साथ-साथ जान पर भी मुसीबत आन पड़ रही है. हालांकि, झारखंड में ज्यादातर मामले एटीएम से अवैध निकासी के सामने आते हैं.

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ऑनलाइन कर सकते हैं शिकायत दर्ज

एटीएम निकासी के दौरान लोग सावधानी भी बरतते हैं, लेकिन साइबर अपराधियों के नए-नए हथकंडे और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से खतरा बढ़ते जा रहा है. साइबर एक्सपर्ट से बातचीत के बाद एक बात साफ हो गई कि अगर आप स्मार्टफोन रखते हैं तो अनजान प्लेटफार्म से पॉप-अप या किसी तरह का मैसेज आने पर उसे कतई न खोलें. ऐसा करते ही आपके मोबाइल का पूरा डाटा चोरों के हाथ लग जाएगा. एक सबसे खास बात है कि अगर आप के खाते से साइबर अपराधी पैसे निकाल लेते हैं, तो आपको थानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है, उसके लिए सबसे पहले आप www.cybercrime.gov.in साइट पर जा सकते हैं और वहां ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

गिरफ्तार हुए अपराधी

बात अगर साइबर क्रिमिनल्स के पकड़े जाने की करें तो झारखंड के कई जिलों से साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की खबर आती है. ऐसे में पिछले दिनों की बात करें तो अब-तक कई अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

  • 14 जून- बोकारो में पुलिस ने तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों साइबर अपराधी लोगों को कैशबैक दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.
  • 14 जून- गिरिडीह में साइबर अपराधियों के खिलाफ साइबर थाना में एफआईआर दर्ज किया गया है. पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया. साइबर डीएसपी ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों ने बताया है कि उनके धंधे में एटीएम फ्रॉड सामूहिक रूप से किया जाता है.
  • 12 जून- देवघर पुलिस ने छापेमारी कर 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 90 हजार नगद सहित 24 मोबाइल, 12 एटीएम, 11 पासबुक जब्त किए गए हैं.
  • 7 जून- देवघर से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जो अलग तरीके से साइबर ठगी करते हैं. ये इंस्टेंट मनी ट्रांसफर अकाउंट के माध्यम से ठगी करते हैं. जिसमें एटीएम से नहीं सिर्फ मोबाइल नंबर के जरिए ठगी की जाती है.
  • 31 मई- देवघर में ICICI बैंक के 70 से अधिक ग्राहकों से साइबर अपराधियों ने लगभग 1 करोड़ 12 लाख की ठगी कर ली थी. मामले में पुलिस ने 4 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था.
  • 28 मई- देवघर पुलिस ने बैंक अधिकारी बनकर ठगी करने वाले 5 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 13 मोबाइल, 14 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 12 पासबुक, 6 चेकबुक और 20 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं.
Last Updated : Jun 15, 2020, 6:30 PM IST

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