रांची: पिछले साल की तरह ही इस वर्ष भी राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ-साथ रांची विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए चांसलर पोर्टल से छात्र-छात्राओं के नामांकन (Enrollment) की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. लेकिन पोर्टल के जरिए नामांकन में विद्यार्थियों को काफी परेशानी आ रही है. इससे छात्र-छात्राओं में नाराजगी है.
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चांसलर पोर्टल से नामांकन
बता दें कि रांची विश्वविद्यालय, डीएसपीएमयू समेत राज्य के सभी सातों विश्वविद्यालय में चांसलर पोर्टल के जरिये ही 2 सालों से ऑनलाइन नामांकन लिया जा रहा है. इसके पीछे उच्च शिक्षा विभाग का ये मानना है कि इस सिस्टम से पारदर्शिता बढ़ेगी. विद्यार्थियों के अलावे शिक्षक और कर्मचारियों को भी इस व्यवस्था में परेशानियां कम होंगी. लेकिन नामांकन के दौरान विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विद्यार्थियों का कहना है कि हजारों छात्र-छात्रा ऐसे हैं जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. इन इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं के लिए इंटरनेट बड़ी समस्या है. सही तरीके से नेटवर्क नहीं रहने के कारण हमेशा ही चांसलर पोर्टल में नामांकन के दौरान पूरा प्रोसेस कंप्लीट नहीं हो पाता है और विद्यार्थी नामांकन लेने से वंचित रह जाते हैं. ऑनलाइन पेमेंट भी की बार फंस जाता है.
छात्र संघ को ऐतराज डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष और रांची विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष की मानें तो पिछले वर्ष भी चांसलर पोर्टल में नामांकन लेने के विरोध में विद्यार्थियों ने आंदोलन किया था.आंदोलन के बाद ऑनलाइन नामांकन के साथ-साथ ऑफलाइन नामांकन की भी व्यवस्था की गई थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के मद्देनजर इस व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है .जिससे विद्यार्थियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस वर्ष भी ऐसे ही स्थिति रही तो नामांकन लेने से सैकड़ों विद्यार्थी वंचित हो जाएंगे.
समस्याओं को किया जाएगा दूर
छात्रों की समस्या को देखते हुए रांची विश्वविद्यालय के एग्जामिनेशन कंट्रोलर आशीष झा ने कहा कि इस व्यवस्था से परेशानियां हैं और उन परेशानियों को दूर करने की कोशिश हो रही है. डिजिटल के क्षेत्र में लगातार यह विश्वविद्यालय पहल कर रहा है और चांसलर पोर्टल की व्यवस्था को ठीक करने के लिए भी काम किया जा रहा है.
दो बार ओपन होगा चांसलर पोर्टल
बताते चलें कि इस साल मैट्रिक और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम इंटरनल एसेसमेंट के आधार पर जारी किया गया है. इस परिणाम में भी कई विद्यार्थी असफल हो गए हैं. अब उन विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन सितंबर महीने में किया जाना है और उनके रिजल्ट के प्रकाशन के बाद उनके लिए भी नामांकन का दौर शुरू होगा. विश्वविद्यालय के एग्जामिनेशन कंट्रोलर ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर कॉलेजों में सीट रिक्त रह जाती हैं, तभी ऐसे विद्यार्थी नामांकन ले पाएंगे. उनके मुताबिक ऐसे छात्रों के लिए चांसलर पोर्टल बाद में भी ओपन किया जाएगा.