रांची: बाल संरक्षण आयोग के कुछ सदस्यों ने बच्चों के कल्याण के लिए यूनिसेफ और राज्य सरकार से मिले रुपए का ही गबन कर डाला. मामले का खुलासा होने के बाद बाल संरक्षण आयोग के सहायक प्रशाखा पदाधिकारी मोहम्मद शकील अहमद ने धुर्वा थाने में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है. बच्चों के कल्याण के लिए यूनिसेफ और राज्य सरकार की तरफ से दिए गए 11.14 लाख रुपए का गबन किया गया है.
बाल संरक्षण आयोग में 11.14 लाख रुपये के गबन का खुलासा, तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज - harkhand State Commission for Protection of Child Rights
बाल संरक्षण आयोग के कुछ सदस्यों पर यूनिसेफ से मिले फंड के गबन का आरोप लगा है. मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई है.
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इन पर दर्ज हुई एफआईआर:धुर्वा थाने में तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. जिनमें झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष रूप लक्ष्मी मुंडा, पूर्व सदस्य संजय कुमार मिश्रा और पूर्व सदस्य सुनील कुमार के नाम शामिल हैं. तीनों पर किसी व्यक्ति के विश्वास का अपराधी हनन करने की धारा 406 ,धोखाधड़ी करने की धारा 420 और अपराधिक कृत्य की धारा 34 के तहत मामला दर्ज हुआ है.
एजी ने पकड़ी थी गड़बड़ी:गौरतलब है कि एजी ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में इस गबन को पकड़ा था. एजी के रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए थे कि यह वित्तीय अनियमितता वर्ष 2012-13 से लेकर वर्ष 2015-16 के बीच की गई. पूरे मामले की जानकारी 2017 में ही महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को दे दी गई थी. इसके बाद विभाग ने रूप लक्ष्मी मुंडा समेत तीनों को कई बार पत्र लिख कर गबन की गई राशि जमा करने का आदेश दिया, लेकिन आरोपी इसको लेकर कभी भी गंभीर नहीं हुए. आखिरकार आयोग को तीनों पर प्राथमिकी दर्ज करवानी पड़ी. दुर्गा थाने के दरोगा नारायण सोरेन को पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी दी गई है.