रांची: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रांची पहुंची इलेक्शन कमीशन की 5 सदस्यीय टीम के समक्ष अलग-अलग राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी मांगें रखी. उनमें सत्तारूढ़ बीजेपी ने राज्य में हर बार की तरह पांच चरण में विधानसभा चुनाव कराने की वकालत की. वहीं सरकार में बीजेपी की सहयोगी आजसू पार्टी ने एक चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग की है.
पांच चरण में हों चुनाव बीजेपी ने की वकालत
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने गुरुवार को चुनाव आयोग की टीम से मुलाकात के बाद बताया कि उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर इलेक्शन कमीशन की टीम के समक्ष अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने लिखित सुझाव पत्र दिया है. उन्होंने कहा कि कई क्षेत्र हैं जहां बांग्लादेशी घुसपैठिए नागरिक की हैसियत से अपने वोट का उपयोग करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अवैध ढंग से वहां पर रह रहे लोगों का नाम वोटर लिस्ट में न हो. दीपक प्रकाश ने कहा कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथ पर अर्द्धसैनिक बल का डेप्लॉयमेंट हो. इसके साथ ही कानून व्यवस्था इतनी अच्छी हो कि चुनाव को कोई प्रभावित न कर पाए. मतदान केंद्र के अंदर बिजली की व्यवस्था प्रचुर मात्रा में होनी चाहिए.
कांग्रेस ने की एक चरण में चुनाव कराने की मांग
वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने लिखित और मौखिक रूप से एक चरण में चुनाव कराए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे बड़े प्रदेशों में अगर एक चरण में चुनाव हो सकते हैं तो झारखंड में भी एक चरण में चुनाव होना चाहिए. जेपीसीसी प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि अगर सरकार यह कहती है कि नक्सल और उग्रवाद समस्या को लेकर एक चरण में चुनाव करना संभव नहीं है तो इसका मतलब यह है कि सरकार पूरी तरह विफल है. उन्होंने कहा कि राज्य में ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले 42 डीएसपी समेत बड़े प्रशासनिक अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया. उन्हें रद्द किया जाना चाहिए. इसके साथ ही जो तीन चार साल से में एक ही पद पर हैं ऐसे लोगों का स्थानांतरण होना चाहिए. दागी विधायकों के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मांगा है, उसमें सरकार क्या रिपोर्ट देती है यह देखने वाली बात होगी. दुबे ने आरोप लगाया कि विपक्ष के विधायकों को गलत तरीके से व्यवहार किया जाता है और उनके विधायकों को बचाने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपनाती है.