रांची:खेल और खिलाड़ियों के लिए झारखंड में कई योजनाएं चल रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पहल से एक बार फिर जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए एक बेहतर योजना तैयार की गई है. सहाय योजना (Sahay Yojna) के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को इस योजना के साथ जोड़ने का प्रयास है.
इसे भी पढे़ं: कोरोना इफेक्ट: केरल नहीं जा सका पैरा खिलाड़ी आकाश, पैरा मास्टर्स नेशनल इंडोर गेम में होना था शामिल
खेल और खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के प्रति संजीदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 'सहाय' योजना से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को जोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा है कि अवसर मिलने पर ये युवा अपना हुनर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखाएंगे. सीएम के निर्देश के बाद खेल विभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को सहाय योजना से जोड़ने में जुट गए हैं. इस योजना से 19 वर्ष से कम उम्र के युवाओं को जोड़ा जाएगा.
खेल और पुलिस विभाग के समन्वय से योजना होगा संचालित
सहाय योजना के तहत पंचायत स्तर से बच्चों को लेकर उन्हें प्रखंड और जिला स्तर तक खेलों के लिए तैयार किया जाएगा. उसके बाद वे अपनी प्रतिभा के अनुसार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपना जलवा बिखेरेंगे. खेल और पुलिस विभाग के समन्वय से योजना को संचालित किया जाएगा. योजना का उद्देश्य खेल के माध्यम से लोगों और पुलिस के बीच की दूरी को कम करना है, साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की प्रतिभा को एक पहचान देकर सकारात्मक जीवन की ओर प्रेरित करना है.
इसे भी पढे़ं: खेल नीति हो चुकी है तैयार, बहुत जल्द झारखंड के खिलाड़ी अपने हुनर को तराश पाएंगे: हेमंत सोरेन
प्रोत्साहन और मार्गदर्शन से मिल रही पहचान.
टोक्यो ओलंपिक में हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेटे, निक्की प्रधान और तीरंदाज दीपिका कुमारी ने अपनी प्रतिभा की जो चमक बिखेरी है. उससे पूरा राज्य गौरवान्वित हुआ है. झारखंड में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है. बस उन्हें उचित प्रोत्साहन और मार्गदर्शन देने की जरूरत है. राज्य में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की विस्तृत योजना बनाई गई है. इसके तहत राज्य में खेल संस्कृति को विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है.
ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट आयोजित करने पर जोर
सरकार की योजना में राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय खेल संघों के साथ मिलकर ज्यादा से ज्यादा खेल टूर्नामेंट आयोजित करने पर भी काम हो रहा है. इस कड़ी में 16 अगस्त 2021 से जमशेदपुर में भारतीय महिला राष्ट्रीय टीम शिविर का आयोजन हो रहा है. शिविर में 20 जनवरी से 6 फरवरी 2022 तक होनेवाले एशियाई फुटबॉल कप के लिए महिला खिलाड़ियों को तैयार किया जाएगा. इससे राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ियों के साथ खेलने से झारखंड की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा.
इसे भी पढे़ं: दुमका: एसकेएम यूनिवर्सिटी में खोला जाएगा खेल अकादमी, रोप जंप और मार्शल आर्ट्स खेल कैलेंडर में होंगे शामिल
राज्य के खेल परिदृश्य में दिखेगा बदलाव
राज्य की नई खेल नीति का ड्राफ्ट लगभग तैयार है. नीति में पूरे राज्य में एक खेल संस्कृति विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. हर प्रखंड में एक निःशुल्क डे बोर्डिंग सेंटर होगा. इसके अलावा हर जिले में रेसिडेंशियल सेंटर होगा, जहां रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी.
आधारभूत संरचना का हो रहा निर्माण
हॉकी को बढ़ावा देने के लिए खूंटी, सिमडेगा, गुमला सहित चार जिले में स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है. फुटबॉल मैदान भी बनाए जा रहे हैं. पोटो हो खेल योजना के तहत हर पंचायत में एक खेल मैदान बनाने पर काम हो रहा है. खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप योजना के तहत हर महीने 3000 से 6000 रुपये दी जाएगी.