झारखंड

jharkhand

By

Published : Sep 21, 2019, 9:11 PM IST

ETV Bharat / city

दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक, शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने इन मुद्दों को उठाया

राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की बैठक में नीरा यादव ने अहम सुझाव दिए. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान नीरा यादव ने बताया कि पारा शिक्षक समेत आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय पर अपना सुझाव दिया है.

शिक्षा मंत्री नीरा यादव

नई दिल्लीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड की विशेष बैठक का आयोजन विज्ञान भवन में हुई. जहां कई राज्यों के शिक्षा मंत्री, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक समेत बैठक में झारखंड की शिक्षा मंत्री नीरा यादव भी मौजूद थी. बैठक के बाद नीरा यादव ने मीडिया से बातचीत की.

शिक्षा मंत्री नीरा यादव का बयान

शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति कैसी हो इस पर बैठक में चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सबने अपना सुझाव दिया. जहां झारखंड की शिक्षा मंत्री नीरा यादव ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय दोनों एक ही परिसर में हो तो अच्छा रहेगा. जिससे बच्चों को एक ही परिसर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगा. मैंने कहा कि विज्ञान के घटते हुए क्रम को हमने देखा है, विद्यार्थियों की संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है. इसलिए विज्ञान को और ज्यादा सरल तथा रोचक बनाने की व्यवस्था होनी चाहिए और लैब की भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए.

झारखंड में 65 हजार पारा शिक्षक
नीरा यादव ने कहा की लोगों को यहां पर कहा गया था कि 2022 तक पारा शिक्षकों को हटा देना है और रेगुलर शिक्षकों को लेना है, लेकिन हमारे झारखंड में 65 हजार से ज्यादा पारा शिक्षक हैं. 50 प्रतिशत हमने शिक्षक नियुक्ति में आरक्षण दिया है. जिसके तहत 13-14 हजार पारा शिक्षक समाहित हो गए हैं, लेकिन बाकी जो बचे हुए पारा शिक्षक हैं उनको हम एकाएक हटा नहीं सकते. नीरा यादव ने कहा कि आज की बैठक में मैंने अनुरोध किया है कि पारा शिक्षकों के बारे में केंद्र सरकार सोचे और उनके लिए जो फंड मिलता है वह लगातार मिलता रहे.

ये भी पढ़ें-गांधी के भेष में मुंबई के डॉ शरद नायामपल्ली, जानिए क्या दे रहे हैं संदेश

फिजिकल एडुकेशन को अनिवार्य का सुझाव
नीरा यादव ने कहा कि हमने सुझाव दिया है कि उच्च प्राथमिक कक्षाओं में नैतिक शिक्षा के साथ-साथ आपदा प्रबंधन एवं जल संरक्षण को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए. कहा कि फिजिकल एडुकेशन को अनिवार्य किया जाए. शनिवार की बैठक में हमने कहा कि कक्षावार शिक्षकों की उपलब्धता निश्चित रूप से हो साथ ही प्राइमरी शिक्षा से बारहवीं तक संस्कृत एवं हिंदी जैसे एक विषय को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details