रांचीः झारखंड में निजी स्कूलों की फीस को लेकर सोमवार को एक के बाद एक बड़ी घटनाक्रम देखने को मिली. पहले डीसी और निजी स्कूलों की मीटिंग, फिर डीसी (DC) का आदेश वापस लेना, डीसी के यू-टर्न (DC's U-turn) पर झारखंड अभिभावक संघ (Jharkhand Parents Association) का अफसोस जाहिर करना. कुल मिलाकर अब गेंद राज्य सरकार के पाले में है. इसको लेकर शिक्षा विभाग का फैसला अंतिम होगा जिसे हर हाल में निजी स्कूलों को मानना होगा.
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घटनाक्रम एक
रांची उपयुक्त (Ranchi DC) के आदेश (ज्ञापांक 1797 दिनांक 24 /6/ 21) का निजी स्कूलों (Private schools) ने जमकर विरोध किया. इस आदेश में निजी स्कूलों को कहा गया था कि ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी नहीं करने और दूसरा कोई शुल्क ना लें, जिसका निजी स्कूल प्रबंधकों ने जमकर विरोध किया. इस मामले को लेकर निजी स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन (Private School Managers Association) ने डीसी से मुलाकात की. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है. सरकार जो भी निर्णय लेगा उसे निजी स्कूलों को मानना होगा.
डीसी के आदेश को बताया असंवैधानिक
डीसी आदेश से बिफरे निजी स्कूल प्रबंधकों ने कहा कि उपायुक्त का निर्देश असंवैधानिक है. जबकि सुप्रीम कोर्ट (Superme court) का ऑर्डर कुछ और ही है. प्रबंधनकों ने कहा है कि उपायुक्त की ओर से जारी आदेश का पालन वह नहीं करेंगे और उनके इस निर्देश के खिलाफ हाई कोर्ट (High court) में भी चुनौती दी जाएगी. निजी स्कूल प्रबंधकों का कहना है कि पिछले साल अन्य राज्यों में ट्यूशन फीस (Tuition fees) को लेकर जो आदेश जारी किया था. उसमें हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.
राज्य के निजी स्कूलों ने सरकार के पिछले साल के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इसमें सरकार की ओर से कहा गया था कि झारखंड सरकार (Jharkhand government) ने भी सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया है और इस वर्ष सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है. इसी के मद्देनजर एडमिशन फीस (Admission Fee) और शुल्क बढ़ोतरी की गई है. आरटीई (RTE) के निर्देश के तहत 10 फीसदी ही शुल्क बढ़ोतरी हुई है. इसके बावजूद उपायुक्त ने निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया है और उनका निर्देश का पालन कोई निजी स्कूल नहीं करेगा.
शिक्षा विभाग का होगा अंतिम निर्णय
निजी स्कूल प्रबंधकों और डीसी की मुलाकात में घंटों बातचीत हुई है. उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि पूरी वस्तुस्थिति से राज्य सरकार को अवगत करा दिया गया है. शिक्षा विभाग (Education Department) जो भी निर्णय लेगी उस पर फैसला लिया जाएगा.
राजधानी में लगातार अभिभावकों की ओर से उपायुक्त को शिकायत मिल रही थी, जिसमें कहा जा रहा है कि ट्यूशन फीस जमा नहीं करने पर बच्चों का नाम स्कूल से हटा दिया जा रहा है. उन्हें ऑनलाइन क्लासेस (Online classes) से भी वंचित किया जा रहा है. साथ ही एडमिशन (Admission) के अलावा अन्य मदों में निजी स्कूलों की ओर से फीस वसूली की जा रही है और अभिभावकों को प्रताड़ित भी किया जा रहा है.
इसी मामले को लेकर उपायुक्त ने तमाम निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने का निर्देश जारी किया था. साथ ही फीस निर्धारण कमिटी (Fee fixation committee) और एक जांच कमिटी (Inquiry committee) का गठन भी किया गया है. अब पूरा मामला राज्य सरकार के पास पहुंच गया है. शिक्षा विभाग जो भी फैसला लेगी उस पर निजी स्कूलों को भी अब अमल करना होगा.