रांची: कोरोना लॉकडाउन के कारण लोगों की जिंदगी थम सी गई है. पिछले करीब 50 दिन से लॉकडाउन लागू है और सब कुछ बंद पड़ा है. बड़े उद्योग से लेकर छोटे बाजारों तक सब कुछ बंद है और लोग अपने घरों में कैद हैं. ऐसे में पीएम मोदी का एलान रजिस्टर्ड वेंडर्स की दुकानों को एक गति प्रदान करेगी.
बता दें कि झारखंड के शहरी क्षेत्रों में करीब 37 हजार ऐसे वेंडर है जो खुद हाटों पर छोटे-मोटे दुकान लगाकर अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. निचले स्तर पर अर्थव्यवस्था की गाड़ी को रफ्तार देने में इनकी अहम भूमिका होती है. कोई लिट्टी-चोखा बेचता है तो कोई चौमिन, चाट, छोले भटूरे या जूस. कोई ठेले पर कपड़े बेचता है तो कोई बेडशीट और बैग. इनकी बदौलत गरीब तबके को जरूरत की चीजें सस्ते दर पर मिल जाती हैं. लेकिन कोविड-19 के संक्रमण के कारण पिछले 25 मार्च से वेंडर्स की जिंदगी हाशिए पर चली गई है.
50 हजार रुपये तक के विशेष लोन मुहैया कराने का सुझाव
लॉकडाउन 4 की तरफ बढ़ने से पहले केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने झारखंड के नगरीय प्रशासन निदेशालय को एडवाइजरी जारी की है. जिसके मुताबिक रजिस्टर्ड वेंडर्स की दुकानों को गति देने के लिए 50 हजार रुपये तक के विशेष लोन मुहैया कराने का सुझाव है. इस पैसे से लोग न सिर्फ अपने बंद व्यवसाय को नए सिरे से शुरू कर पाएंगे बल्कि लोन की राशि लौटाने के लिए 3 साल का समय होगा.