झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

EXCLUSIVE: ईटीवी भारत से दुती चंद ने कहा- खुद का रिकार्ड तोड़ने में अलग मजा है - Duti Chand

स्टार धावक दुती चंद ने राजधानी रांची में 59वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर अपना ही बनाया रिकार्ड तोड़ दिया. दुती चंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कई उतार-चढ़ाव और अपनी बुलंदियों के संबंध में खुलकर बात की.

ईटीवी भारत से दुती चंद की खास बातचीत

By

Published : Oct 12, 2019, 12:19 PM IST

रांची: 59वें राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने स्टार धावक दुती चंद रांची पहुंची. धूल, मिट्टी और गांव के ग्राउंड से निकलकर सिंथेटिक ट्रैक तक का सफर इस धावक के लिए आसान नहीं था. दुती चंद ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कई उतार-चढ़ाव और अपनी बुलंदियों के संबंध में खुलकर बात की. खुद को अपना आइडियल मानने वाली इस एथलीट को महेंद्र सिंह धोनी के साथ रांची में एक बार मिलने की तमन्ना है.

ईटीवी भारत से दुती चंद की खास बातचीत

गांव के धूल भरे कच्चे रास्तों से निकलकर सिंथेटिक ट्रैक तक पहुंचने के लिए दुती चंद को काफी संघर्ष करना पड़ा. दुती को गरीबी के कारण अच्छी ट्रेनिंग करने का मौका भी नहीं मिला. इसके अलावा दुती राजनीति की शिकार भी एक बार हुईं. हालांकि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद दुती ने अपनी हिम्मत नहीं हारी. आज वह फर्राटा पीटी उषा के बाद भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान दुती ने कई सवालों का खुलकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि खुद का रिकॉर्ड तोड़ने में एक अलग मजा है. जो लक्ष्य था उसे धीरे-धीरे पूरा कर रही हूं. 2016 से रिकॉर्ड बनाने का जुनून सिर पर सवार हो गया. मेमोरियल मीट में उन्होंने ओलंपिक में जगह बनाने के लिए खुद के राष्ट्रीय रिकॉर्ड में भी सुधार किए. रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई मार्क 11.32 सेकेंड था. दुती ने 11.33 सेकंड का खुद का राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा. जो दुती ने फेडरेशन कप राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बनाया था. हाल ही में उन्होंने रांची में आयोजित 59वें राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप में भी अपना खुद का रिकॉर्ड तोड़ कर एक बार फिर अपने आप को साबित कर दिया.

ये भी पढ़ें-59 वीं नेशनल ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दुती चंद ने बनाया नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड

दुती ने कहा कि रिकॉर्ड तोड़ने का मजा तभी आता है जब आपके साथ कोई फाइटर रनर भी दौड़ रहे होते हैं. फिलहाल वो ओलंपिक की तैयारी में हैं. यहां के तमाम क्षेत्रों के खिलाड़ी महिला हो या पुरुष सभी बेहतर कर रहे हैं. सरकार की ओर से कई फैसिलिटी दी जा रही हैं. ऐसे में युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ स्पोर्ट्स में भी ध्यान देने की जरूरत है. फिलहाल टोक्यो ओलंपिक के लिए दुती चंद तैयारी कर रही हैं. उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स के क्षेत्र में आने के लिए उनकी मम्मी और पापा ने उन्हें प्रेरित किया था. तब जाकर आज वह इस पोजीशन पर खड़ी हैं.

माही के शहर में माही से मिलने की ख्वाहिश
स्पोर्ट्स में दुती आज वो सब कुछ हैं जो एक सफल इंसान को मिलना चाहिए. स्पोर्ट्स में पैसा है पहचान है, नाम है, सपोर्ट है और लोगों का प्यार भी भरपूर है. ऐसे में युवा पढ़ाई के साथ ही स्पोर्ट्स की ओर भी ध्यान देकर इस रास्ते में करियर चुन सकते हैं. ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट एलिना थामस को दुती चंद आइडियल मानती हैं. हालांकि इंडिया में अपने आप को ही वह खुद का आइडियल मानती हैं. उन्होंने कहा कि रांची पहुंचकर शहर घूमने की इच्छा थी, लेकिन समय का अभाव है. माही के शहर में ही माही से मुलाकात करने की बात भी दुती ने कही है. उन्होंने कहा कि रांची उनके लिए बेहद लकी हैं. रांची में उन्होंने अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा है.

खेल से आया जीवन में बदलाव

दुती चंद का जन्म 3 फरवरी 1996 को ओडिशा के चाका गोपालपुर गांव में हुआ था. उनके पिता एक गरीब बुनकर थे. जिनकी आय 500 से 1 हजार रुपए हुआ करती था. दुती के परिवार में 9 सदस्य हैं. जिसमें एक भाई और 6 बहने हैं. दुती ने बताया कि खेल की वजह से बहुत कुछ उनके जीवन में बदलाव आया. खेल ने उन्हें बहुत कुछ दिया है और इसका श्रेय वह माता-पिता को देती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details