रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर रखा है, पर अभी तक नियुक्ति की प्रक्रिया भी धरातल पर नहीं उतरी है. ऐसे में अब बेरोजगार युवाओं का सब्र टूटने लगा है. ऐसा इसलिए कि आज जब झारखंड विधानसभा द्वारा आयोजित प्रथम छात्र संसद की कार्यवाही चल रही थी. उसी दौरान शफी इमाम नाम का युवक विधानसभा परिसर के अंदर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा तक पहुxच गया और वहीं हाथ से बैनर लिख कर अपना विरोध जताने लगा.
शफी इमाम नाम के युवक ने जल्दी जल्दी में पेन से सादे कागज पर जो पम्पलेट बनाया था उसमें उसने कई सवाल उठाए थे और कई मांगों के साथ एक आग्रह भी था. उसने पूछा था कि नियुक्ति वर्ष 2021 का क्या हुआ, राज्य में सभी लंबित नियुक्तियों को पूरी करो, अनुबंधकर्मियों को वेतनमान दो, स्थानीय नीति को लागू करो, नियोजन नीति लागू करो और अंत में लाल स्याही से लिखा था झूठ बोलना बंद करो.
बेरोजगारी और नियुक्ति को लेकर टूट रहा है युवाओं का सब्र! छात्र संसद के दौरान विधानसभा परिसर में विरोध जताने पहुंचा युवक
झारखंड में हेमंत सरकार वर्ष 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर रखा है. ऐसे में जब अब वर्ष 2021 के समाप्त होने में महज 02 महीने बचे हैं. बेरोजगारी के मुद्दे पर सबका ध्यान आकृष्ट कराने के लिए एक बेरोजगार विधानसभा परिसर तक पहुंच गया. भले ही सदन के अंदर वास्तविक विधानसभा की कार्यवाही की जगह छात्र संसद की कार्यवाही चल रही थी.
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शफी इमाम ने कहा कि सरकार जो वादे करके सत्ता में आई थी वह अब उसे याद नहीं है, हर दिन यह कहा जाता है कि अगले दो महीने में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. अब तो वर्ष 2021 के ही दो महीने बचे हैं इसलिए वह विधानसभा परिसर छात्र संसद के दौरान आया है, कि वह बता सके कि कैसे रोजगार और नौकरी के मुद्दे पर सरकार युवाओं को बरगला रही है.
विधानसभा के मार्शल ने जबरदस्ती हटाया
जैसे ही बेरोजगार युवक मीडिया कर्मियों की नजर में आया. तुरंत विधानसभा के मार्शल और सुरक्षाकर्मी एक्टिव हो गए, विधानसभा के SI ने शफी इमाम के हाथ से पोस्टर छीन कर फाड़ दिया और उसे विधानसभा से बाहर करवा दिया.
युवक को बाहर करने पर क्या बोलें नंदकिशोर
युवक को विधानसभा परिसर से बाहर करने के बाद विधानसभा के SI नंद किशोर ने कहा कि यह सदन निर्वाचित माननीय के लिए है. उसका इस तरह से अंदर आना सुरक्षा का मामला है. हालांकि जब सवाल किया गया कि ऐसा है किसकी चूक से हुआ है तो वह चुप्पी साध गए.