रांची: झारखंड के दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व मंत्री, वर्तमान मंत्रियों और मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. दोनों विधानसभा के लिए किये गए मतदान के बाद यूपीए और एनडीए गठबंधन के प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. 10 नवंबर को साफ हो पाएगा कि किन-किनकी प्रतिष्ठा इस चुनाव में बच पाती है.
राज्य की वर्तमान यूपीए गठबंधन की सरकार की तरफ से दुमका में जहां झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन चुनावी मैदान में हैं. तो वहीं बेरमो में कांग्रेस पार्टी की ओर से दिवंगत विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह के बड़े बेटे कुमार जयमंगल चुनावी मैदान में हैं. इनकी जीत के लिए मुख्यमंत्री समेत कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों ने जोर लगाया है. साथ ही जिस तरह से विधानसभा चुनाव 2019 में राज्य की जनता ने गठबंधन को जनादेश दिया है और दुमका-बेरमो में गठबंधन के प्रत्याशियों को जीत दिलाई थी. ऐसे में एक बार फिर इन दोनों सीटों पर अगर यूपीए गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत होती है तब ही गठबंधन की प्रतिष्ठा बच सकती है.