रांची: डीएसपीएमयू गठन के बाद पहली बार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जा रहा है. नवनिर्मित भवन बनकर तैयार है लेकिन अब तक डीएसपीएमयू प्रबंधन को हैंड ओवर नहीं किया गया है. इससे विश्व विद्यालय के पठन पाठन के अलावे एकेडमिक कार्यों पर भी प्रभाव पड़ रहा है.
गठन के बाद से ही लगातार डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को हर सुविधा मुहैया कराने को लेकर तत्पर है. इसी कड़ी में भवन निर्माण विभाग की ओर से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को एक नया एकेडमिक भवन देना है और इसकी तैयारी भी विभाग की ओर से की जा रही है. फिलहाल भवन पूरी तरह बनकर तैयार नहीं है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर अभी और समय लगेगा. लगभग 14 करोड़ रुपये डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय को मिलने वाला है. उसके बाद एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में काम शुरू किया जाएगा. बेंच, डेस्क, टेबल और बैठने के लिए व्यवस्था की जाएगी लेकिन विभाग की ओर से राशि आवंटन नहीं किया गया है. जिससे विश्वविद्यालय को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक ही बिल्डिंग में एकेडमिक गतिविधियां और पठन-पाठन होने से विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को भी समस्या आ रही है.
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एसएन मुंडा ने कहा कि गेस्ट हाउस भी बनकर तैयार है, कैंटीन और एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग भी लगभग तैयार हो ही चुकी है लेकिन कमेटी की ओर से इंस्पेक्शन नहीं किए जाने से अब तक यह भवन विश्वविद्यालय को हैंडओवर नहीं हुआ है. बोर्ड ऑफ गवर्नेंस का गठन भी हो चुका है. विभाग की ओर से इस भवन को विश्वविद्यालय को सुपुर्द करना है. इस दिशा में विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है ताकि भवन की कमी से जो परेशानियां विश्वविद्यालय को हो रही है. उनका परेशानियों को दूर किया जा सके.
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रांची विश्वविद्यालय से अलग कर डीएसपीएमयू का गठन हुआ और तब से लेकर अब तक एक ही भवन में यह विस्वविद्यालय संचालित हो रही है. लगातार विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है और कमरे क्लास चलाने के लिए भी कम पड़ रहे हैं. वहीं एडमिनिस्ट्रेटिव कामकाज को लेकर कई कमरों को ब्लॉक कर रखा गया है. इसमें भी विद्यार्थियों को ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस दिशा में विश्वविद्यालय की ओर से प्रयास किया गया है ताकि विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द नया भवन मिल सके.