रांची: राजधानी के रहने वाले डॉक्टर विभूति भूषण राय पेशे से एक बैंकर हैं. लेकिन इनके शौक ने सबको हैरान कर दिया है. बचपन से ही अद्भुत चीजों का कलेक्शन करना इनका शौक है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े वस्तुओं के कलेक्शन को लेकर इनका जुनून मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद रिजल्ट के इंतजार में बढ़ा और आज इनके पास महात्मा गांधी से जुड़े डाक टिकटों की एक से बढ़कर एक कलेक्शन हैं. तो वहीं गांधी जी के हाथों से लिखा एक अद्भुत पोस्टकार्ड भी इनकी जमापूंजी में एक बेहतरीन कलेक्शन है.
गांधीजी पर पहला डाक टिकट 1948 को जारी हुआ था
डाक टिकट का विश्व इतिहास करीब 175 साल पुराना है. भारत में स्वतंत्रता के बाद पहला डाक टिकट 21 नवंबर 1947 को जारी हुआ था. महात्मा गांधी वह पहले शख्सियत थे जिन पर भारत में पहला डाक टिकट 15 अगस्त 1948 को जारी किया गया था. तब से लेकर दुनिया भर में महात्मा गांधी पर 500 प्रकार के डाक टिकट जारी हो चुके हैं. भारत के बाद अमेरिका वह पहला विदेशी राष्ट्र था जिसने बापू पर 26 जनवरी 1961 को डाक टिकट जारी किया था. ऐसे ही कई देशों के डाक टिकट का कलेक्शन आज डॉक्टर विभूति भूषण के पास है और ऐसे स्टांप के कलेक्शन को लेकर विभूति भूषण इतने ज्यादा गंभीर है कि देखकर लोग अचंभित हो जाते हैं.
इनके पास गांधीजी के हाथों से लिखा दुर्लभ पोस्ट कार्ड है
गांधीजी से जुड़े कई देशों के डाक टिकट इनके पास संकलन के तौर पर हैं. इसके अलावा उनके पास एक दुर्लभ पोस्ट कार्ड भी है. जिसे गांधीजी ने अपने हाथों से छपरा के एक दोस्त को लिखा था और उसमें सिर्फ छपरा के उस दोस्त का नाम और पेशा लिखा था. यह दुर्लभ पोस्टकार्ड भी विभूति भूषण ने संकलन के तौर पर काफी संयोज कर रखा है. विभूति भूषण की मानें तो शुरूआत से आज तक गांधीजी से जुड़े जितने भी डाक टिकट जारी हुए हैं. उन सब का कलेक्शन इनके पास हैं, विभूति भूषण के पास फिलीपींस, सांडा, भूटान, नेपाल के अलावा विश्व के कई देशों के गांधीजी से जुड़े डाक टिकट का संकलन है. जिसे अब तक किसी ने देखा तक नहीं होगा.