रांचीः भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर (बाबा साहेब अंबडेकर) की आज 65वीं पुण्यतिथि है. उनका निधन 6 दिसंबर सन 1956 को दिल्ली स्थित उनके आवास पर हुआ था. इसे महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. वो भारतीय बहुज्ञ, विधिवेता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में जाने जाते थे.
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Dr Bhim Rao Ambedkar का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव महू में हुआ था. संविधान निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम योगदान निभाया. बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपने शुरूआती जीवन में काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा. उन्होंने तभी से ठान लिया था कि वो समाज को इस कुरीति से मुक्ति दिलाने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे.
उनकी 65वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश याद कर रहा है. झारखंड के आला नेताओं ने भी उन्हें ट्विटर के माध्यम से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सांसद निशिकांत दुबे समेत कई मंत्री और आला नेताओं ने बाबा साहब को याद और उनको श्रद्धांजलि दी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर शत-शत नमन'.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि 'देश के संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन, बाबा साहेब ने सामाजिक न्याय, एकता और समानता के लिए अपना जीवन समर्पित किया, उनके कार्य व विचार सदैव हमें प्रेरित करते रहेंगे.'