रांचीः नोवेल कोरोना वायरस का खतरा अभी कम भी नहीं हुआ था कि केरल में एक बच्चे की मौत निपाह वायरस से होने पुष्टि ने सबको परेशान कर दिया है. निपाह वायरस भी चमगादड़ से फैलता है. राजधानी रांची के डॉक्टर्स भी इसको लेकर सशंकित जरूर है. लेकिन जंगल वाले प्रदेश झारखंड में इसके खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन डॉक्टर्स ने बचाव के कई उपाय जरूर सुझाए हैं.
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झारखंड के डॉक्टरों ने निपाह वायरस को लेकर कहा है कि निपाह वायरस का एक केस अभी केरल में ही आया है, पर सावधान सभी को हो जाने की जरूरत है. खास कर तब जब निपाह संक्रमण के बाद भी लक्षण कमोबेश कोरोना जैसे ही हैं, इसलिए ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है. IDSP रांची के डॉक्टर राजीव भूषण कहते हैं निपाह मुख्य रूप से फ्रूट बैट यानी वैसे चमगादड़ से फैलता है जो फल खाते हैं. चमगादड़ में पाए जाने वाले वायरस पहले फल में और फिर जानवरों से होते हुए इंसान तक पहुंच जाता है. डॉ. राजीव भूषण के अनुसार बैट खाने से भी यह बीमारी फैलने का खतरा रहता है.
क्या हैं इसके लक्षण
रांची के प्रख्यात पैथोलॉजिस्ट और झासा के अध्यक्ष डॉ. बिमलेश सिंह कहते हैं कि परेशानी कि बात यह है कि इसके लक्षण भी कोरोना जैसे ही हैं. बुखार, गले की खराश, खांसी, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, इंसेफ्लाइटिस तक हो जाता है, इसलिए ज्यादा सजग रहने की जरूरत है.