रांची: राजधानी के धुर्वा इलाके में रहने वाली दिव्यांग राखी मिश्रा आज कई लोगों के लिए मिसाल बनी हुई हैं. दिव्यांग होने के बावजूद वह अपने माता-पिता और घर का खर्च चलाने के लिए मोती के समान बनाकर बाजार में बेचने का काम कर रही है.
समाज के लिए बनी एक मिसाल
राखी बताती हैं कि भले ही वो हाथ-पैर से लाचार हैं लेकिन वह मन से बिल्कुल स्वस्थ हैं. यही वजह है कि उन्होंने अपने माता-पिता की मदद के लिए मोती के समान बनाकर बाजार में बेचने का काम शुरू किया. राखी बताती हैं कि तीन साल पहले एचईसी से उसके पिता के रिटायर होने के बाद घर में पैसों का अभाव होने लगा. जिस कारण उन्होंने मोती से बनाए सामानों को बाजार में बेचने का काम शुरू किया.
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