झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

रांची: अधिवक्ताओं के लिए मंगलवार से खुला बार भवन, कोरोना के मद्देनजर 19 मार्च से था बंद

7 महीने से बंद रांची सिविल कोर्ट के जिला बार भवन को अधिवक्ताओं के लिए खोल दिया गया है. झारखंड हाई कोर्ट के निर्देशानुसार रांची जिला बार एसोसिएशन के दोनों बार भवन पिछली 19 मार्च से बंद थे. इसके कारण वकीलों को जहां-तहां बैठकर वकालतनामा भरने से लेकर अन्य तरह के न्यायिक कार्य करने पड़ रहे थे.

district-bar-association-open-to-advocates-in-ranchi
अधिवक्ताओं के लिए मंगलवार से खुला जिला बार एसोसिएशन

By

Published : Oct 27, 2020, 8:11 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 7 महीने से बंद रांची सिविल कोर्ट के जिला बार एसोसिएशन भवन को अधिवक्ताओं के लिए खोल दिया गया है. अधिवक्ता अब बार भवन में बैठकर वकालतनामा भरने से लेकर अन्य तरह के न्यायिक कार्य से जुड़े कार्य कर सकेंगे. अधिवक्ता बार भवन में बैठकर वर्चुअल कोर्ट में उपस्थित हो सकेंगे.

देखें पूरी खबर


जिला बार एसोसिएशन कार्यकारणी सदस्य प्रिये रंजन कुमार ने बताया कि कोविड-19 के कारण कोर्ट में वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से सुनवाई हो रही है. इसके कारण अधिवक्ताओं के जीवन में काफी असर पड़ा है. वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. अधिवक्ताओं की लंबे समय से बार भवन को खोलने की मांग थी. बार भवन को खोलने से पहले पूरे भवन की कुर्सी टेबल को सेनेटाइज किया गया. साथ ही बार भवन में प्रवेश करने वाले अधिवक्ताओं को हैंड सेनेटाइजर, मास्क और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद प्रवेश कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उत्कृष्टता केंद्रों की शुरुआत की, किए जाएंगे आदिवासियों कल्याण के काम

उन्होंने कहा कि मंगलवार से बार एसोसिएशन भवन को अधिवक्ताओं के बैठने के लिए खोल दिया गया है, जिससे अधिवक्ता स्थाई जगह में बैठ पाएंगे और अपने मामले की सुनवाई को लेकर उपस्थित हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि दोनों बार भवन नए और पुराने सिर्फ वकीलों के लिए खोलने का निर्णय लिया गया है. सुबह 10:30 बजे से दोपहर के 3:30 बजे तक बार भवन अधिवक्ताओं के लिए खुला रहेगा.

दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर झारखंड हाई कोर्ट के निर्देशानुसार रांची जिला बार एसोसिएशन के दोनों बार भवन पिछली 19 मार्च से बंद थे. इसके कारण वकीलों को जहां-तहां बैठकर वकालतनामा भरने से लेकर अन्य तरह के न्यायिक कार्य करने पड़ रहे थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details