रांचीः देर से दफ्तर पहुंचने पर एसपी और एएसपी के बीच विवाद हो गया है. दरअसल, 7 सितंबर को देर से दफ्तर आने को लेकर वायरलेस एसपी हरिलाल चौहान ने एएसपी सरोजनी लकड़ा को शोकॉज सौंपा था. एसपी ने शोकॉज नोटिस जारी करते हुए दोपहर ढाई बजे तक उपस्थित नहीं होने और पूर्व में लंबित विभागीय कार्यो के संबंध में जवाब मांगा था.
एडीजी को दी जानकारी
एएसपी ने एसपी पर आरोप लगाते हुए जवाब भेजा है कि कार्यालय कक्ष में आने के बाद उनसे एसीआर के संबंध में पूछा गया. साथ ही उनकी व्यक्तिगत समस्या के बारे में भी पूछा गया. एएसपी ने लिखा है कि एसपी ने उनसे कार्यालय में आने के बाद किसी भी कार्यालय कार्य के त्वरित गति से निष्पादन का कोई आदेश नहीं दिया था, जबकि शो कॉज में कार्यालय के काम का जिक्र किया गया है. पूरे मामले में एएसपी ने जवाब की प्रतिलिपि वायरलेस एडीजी अजय कुमार सिंह को भेजकर मामले की जानकारी दी है.
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एएसपी ने बताया- क्यों कार्यालय में नहीं थीं उपस्थित
एएसपी सरोजिनी लकड़ा ने बताया कि 7 सितंबर को वह सरकारी कार्य से जैप आईजी कार्यालय, रांची के मेयर कार्यालय और फिर ग्रामीण एसपी रांची के कार्यालय में व्यस्त थीं. उस दिन एसपी और एडीजी वायरलेस ने कई कार्यालय संबंधी काम व्हाट्सएप के जरिए उन्हें दिए थे, जिनका निष्पादन किया जा रहा था. एएसपी ने यह भी लिखा है कि विलंब से कार्यालय आने के संबंध में उन्होंने गोपनीय रीडर को भी जानकारी दी थी, जिसके बाद गोपनीय रीडर ने एसपी को इस मामले की जानकारी दी थी. बावजूद इसके उनको इस संबंध में शोकॉज नोटिस दिया गया.
कार्यशैली पर पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव
एएसपी ने लिखा है कि कार्यालय में काम से बाहर रहने के बावजूद उनको समय-समय पर एसपी की ओर से शोकॉज नोटिस दिया जाता है. ऐसे में अधीनस्थ अधिकारियों के समक्ष एएसपी की मर्यादा और कार्यशैली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. एएसपी ने यह भी लिखा है कि प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कार्यालय के वरीय अधिकारियों के बीच अनावश्यक विवाद के जन्म लेने की भी संभावना आ सकती है, जिससे कार्यालय के काम में बाधा उत्पन्न हो सकती है.