रांची:राज्य पुलिस मुख्यालय में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के एसपी और रेल एसपी के कामकाज की बारी बारी से समीक्षा हुई. तकरीबन चार घंटे तक चली समीक्षा के दौरान डीजीपी नीरज सिन्हा ने अपराध, नक्सल गतिविधियों पर हर हाल में अंकुश लगाने का निर्देश दिया है. बैठक के दौरान डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को चेताया है कि वह अपने जिलों में कोयला, बालू समेत अन्य सारी तस्करी रोके, वरना यह माना जाएगा कि तस्करी में जिलों के एसपी की सहमति भी है.
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संगठित आपराधिक गैंग व उसके सदस्यों पर कैसे लगेगा लगाम:डीजीपी की समीक्षा बैठक के बाद झारखंड पुलिस के आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर ने बताया कि बैठक में सभी जिलों में सक्रिय संगठित आपराधिक गैंग और उसके सदस्यों की गतिविधि पर भी बैठक में चर्चा हुई. हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी जैसी वारदातों को अंजाम देने वाले बड़े अपराधियों पर कार्रवाई के लिए योजना बनी है. जेल में बंद अपराधी अगर अंदर से रंगदारी मांग रहे हैं, तो उनके ऊपर भी सीसीए की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही डीसी और एसपी को मिलकर जेलों में निषेधात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. जेल से जमानत पर छूटे अपराधियों पर लगाम कसी जा सके, इसके लिए जिलाबदर की कार्रवाई और आपराधिक मामलों में संलिप्तता पाए जाने पर जमानत रदद् करने की कार्रवाई करने का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है.
कोयला तस्करी को लेकर डीजीपी गंभीर:बैठक के दौरान डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को चेताया है कि वह अपने जिलों में कोयला, बालू समेत अन्य सारी तस्करी रोके, वरना यह माना जाएगा कि तस्करी में जिलों के एसपी की सहमति भी है. डीजीपी ने जिलों के एसपी को संबोधित करते हुए कहा है कि वह अपने क्षेत्राधिकार में कोयला, बालू तस्करी पर पूरी तरह लगाम लगाएं, साथ ही जहां कहीं भी तस्करी की बात सामने आए वहां के स्थानीय अफसर पर कड़ी कार्रवाई करें.
स्पीडी ट्रायल भी होगा:आईजी अभियान अमोल होमकर ने बताया कि जिन अपराधियों के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है, उनके ट्रायल की मॉनिटरिंग का निर्देश जिलों के एसपी को दिया गया है. जिलों के एसपी ऐसे अपराधियों को स्पीडी ट्रायल के जरिए भी सजा दिलाएं. बैठक में सीआईडी एडीजी ने कांडों की समीक्षा पर विस्तृत रिपोर्ट दी. बैठक के दौरान जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया कि जानबुझ कर अनुसंधान लंबित करने वाले जांच पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए.
लंबे समय से लंबित आपराधिक कांडों की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि केस के प्रभार नहीं सौंपे जाने, अभियुक्तिकरण पर फैसला नहीं होने, पर्यवेक्षण रिपोर्ट नहीं निकाले जाने, अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से अधिकांश कांड लंबे अरसे से लंबित हैं. जिलों के एसपी को निर्देश दिया गया कि पांच साल या उससे अधिक अरसे से लंबित अनुसंधानरत कांडों को प्राथमिकता के आधार पर जांच पूरा करें. बैठक में एडीजी मुख्यालय मुरारीलाल मीणा, आईजी अभियान अमोल होमकर, आईजी प्रोविजन सह विशेष शाखा प्रभात कुमार, आईजी रांची पंकज कंबोज समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे. बैठक में सभी जिलों के एसपी, जोनल डीआईजी, रेंज आईजी वर्चुअल तरीके से जुड़े थे.