रांची:झारखंड में गठबंधन सरकार में राष्ट्रीय जनता दल के शामिल होने के बाद चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की चांदी हो गई है. सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव बीमार होने के बाद रिम्स के पेइंग वार्ड में लंबे समय से भर्ती हैं. लालू के ज्यूडिशियल कस्टडी में होने के बावजूद इन दिनों जेल मैन्युअल का उल्लंघन कर हर बड़ा छोटा नेता लालू यादव से मुलाकात कर रहा है.
हर रोज दरबार सजा रहे लालू
रिम्स के पेइंग वार्ड परिसर में ही लालू प्रसाद यादव लगभग हर रोज अपना दरबार सजा रहे हैं जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी लगातार सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. ऐसा लगता है कि लालू के जनता दरबार लगाने पर जेल प्रशासन की भी मौन सहमति है क्योंकि जेल प्रशासन की बगैर अनुमति के कोई भी लालू यादव से नहीं मिल सकता है. रिम्स के पेइंग वार्ड में सुरक्षा में तैनात पुलिस को भी जेल प्रशासन से अनुमति लेकर आने वाले को ही मिलवाने का आदेश है. लेकिन इस नियम का रिम्स में खुला उल्लंघन हो रहा है. रिम्स के पेइंग वार्ड के पीछे के रास्ते लालू से मिलने दर्जन भर लोग हर दिन पहुंच रहे हैं. लेकिन रिम्स प्रशासन और जेल प्रशासन दोनों ही इस मामले को लेकर मौन है.
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तस्वीरें- वीडियो वायरल, डीजीपी को नहीं है जानकारी
सजायाफ्ता होते हुए भी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दरबार लगाने के मामले को लेकर जब झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है. डीजीपी के अनुसार रिम्स का अपना सुरक्षा व्यवस्था है, लालू प्रसाद यादव ज्यूडिशल कस्टडी में है ना कि वे पुलिस कस्टडी में. पूरे मामले में डीजीपी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अगर उनको इस मामले में कोई जानकारी दी जाएगी तब कोई कदम उठाएंगे.
आरजेडी के सरकार में शामिल होते ही सब हुए खामोश
झारखंड में गठबंधन सरकार में आरजेडी भी शामिल है और जब से यह सरकार बनी है तब से डीजीपी से लेकर जेल प्रशासन तक लालू यादव के मामले को लेकर मौन धारण किए हुए हैं. जबकि रिम्स से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार पेइंग वार्ड के कमरा नंबर 13 के बाहर लालू प्रसाद यादव हर रोज कुर्सी लगा कर बैठते हैं. और उनके सामने ही कुर्सी पर उनके दरबारी बैठते हैं जो घंटों उनसे बातचीत करते हैं.
क्या है नियम ?
जेल मैनुअल के अनुसार रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव से शनिवार के दिन केवल तीन लोगों की मुलाकात हो सकती है. जबकि लालू प्रसाद यादव के परिवार के लोग सप्ताह में किसी भी दिन जेल प्रशासन की इजाजत लेकर लालू प्रसाद यादव से मिल सकते हैं. लेकिन लालू प्रसाद यादव तो गठबंधन की सरकार बनने के बाद रिम्स के पेइंग वार्ड नहीं अपना दरबार लगाने लगे हैं.