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Published : Mar 30, 2022, 6:05 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 6:20 PM IST

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1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति की मांग को राज्यपाल से मिला प्रतिनिधि मंडल, मिला सकारात्मक आश्वासन

झारखंड में 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है. इसी आंदोलन के नेता जयराम महतो सहित पांच लोगों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की.

demanded for domicile policy based on Khatiyan of 1932
demanded for domicile policy based on Khatiyan of 1932

रांची:झारखंड में 1932 के आधार पर स्थानीय नीति का मुद्दा सड़क से लेकर सदन तक देखने को मिल रहा है. इसी मुद्दे पर जयराम महतो सहित 5 लोगों के एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने स्थानीय नियोजन नीति को 1932 के खतियान के आधार पर बनाने की मांग से राज्यपाल को अवगत कराया. इस मामले पर राज्यपाल रमेश बैस ने उन्हें सकारात्म आश्वासन दिया.

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झारखंड में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बने इसे लेकर लगातार आंदोलन चल रहे हैं. इसी मुद्दे को लेकर जयराम महतो ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने कहा कि झारखंड के ज्वलनशील मुद्दों को लेकर राज्यपाल से मुलाकात हुई जिसमें उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है. जयराम महतो ने कहा कि राज्य में सबसे बड़ा मुद्दा है 1932 के खतियान पर स्थानीय नीति का बनना. उन्होंने कहा कि राज्य के बने हुए 22 साल हो गए हैं लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि झारखंड का स्थानीय कौन है और यहां का डोमिसाइल किसके पास है.

जयराम महतो का बयान
स्थानीय नीति पर आंदोलन करने वाले जयराम महतो ने कहा कि सबसे दुर्भाग्य की बात है कि झारखंड में जितनी भी संस्थाएं हैं वहां पर बाहर के लोग काम कर रहे हैं. झारखंड के स्थानीय लोगों को रोजगार तक नहीं मिल पा रहा है. झारखंड के लोग रोजगार के लिए गुजरात, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पलायन करते हैं. झारखंड की जनता की एक ही मांग है कि झारखंड में स्थानीय नीति झारखंड के भावनाओं के अनुरूप बने. इन मुद्दों को लेकर उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार झारखंड के लोगों की भावनाओं के अनुरूप स्थानीय नीति परिभाषित नहीं करती है.
Last Updated : Mar 30, 2022, 6:20 PM IST

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